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उनसे व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
जर्मनी (Germany) के एल्माउ शहर में आयोजित जी7 देशों का सम्मेलन सोमवार रात संपन्न हो गया. इस सम्मेलन में जी7 के देशों समेत 5 अन्य देशों ने भी भाग लिया था. विशेष निमंत्रण पर जर्मनी पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दुनिया में खाद्य सुरक्षा और नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने का आह्नान किया. इस दौरान समूह के देशों ने संकेतों के जरिए बड़ा मैसेज भी दिया.
'कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध'
जी7 समूह (G7) और भारत समेत 5 अन्य देशों के शासन प्रमुखों ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी करके कहा कि वे एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना चाहते हैं और अन्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता- संप्रभुता का सम्मान करते हैं. इन नेताओं ने कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों का सम्मान करते हैं और शांति, मानवाधिकारों और कानून के शासन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
'जलवायु परिवर्तन पर करेंगे काम'
जी7 (G7) ने अपने संयुक्त बयान में कहा, 'हम, जर्मनी, अर्जेंटीना, कनाडा, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेता हमारे लोकतंत्रों को मजबूत करने और समानता की दिशा में काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.' बयान में आगे गया, 'जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी समेत वैश्विक चुनौतियों के लिए समावेशी व स्थाई समाधान और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.'
रूस और चीन पर यूं साधा निशाना
रूस और चीन पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए समूह ने अपने बयान में कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर समेत अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार, कानून के शासन, मानव सुरक्षा और लैंगिक समानता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से इन प्रयासों में शामिल होने का आह्वान करते हैं. हम लोकतांत्रिक व्यवस्था के उन सभी समर्थकों का स्वागत करते हैं जो उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं. हम शांति और समृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भागीदारों के साथ जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
जस्टिन ट्रूडो और उर्सुला से हुई बात
सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ अलग से मुलाकात की. ट्रूडो के साथ हुई मुलाकात में पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच मित्रवत संबंधों की समीक्षा की. इस दौरान दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने, सुरक्षा-आतंकवाद से निपटने के मुद्दों पर भी चर्चा की गई. जस्टिन ट्रूडो के साथ पिछले 4 वर्षों में व्यक्तिगत तौर पर यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी.
दरअसल ट्रूडो ने भारत में नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के फेवर में बयान दिया था, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. वहीं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ हुई मुलाकात में पीएम मोदी (Narendra Modi) ने उनसे व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
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