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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गुजरात के लाखों हीरा श्रमिकों की आजीविका प्रभावित, कच्चा माल खरीदने में हो रही परेशानी

Renuka Sahu
13 Jun 2022 12:47 AM GMT
Due to Russo-Ukraine war, livelihood of lakhs of diamond workers of Gujarat affected, trouble in buying raw material
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फाइल फोटो 

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गुजरात का हीरा उद्योग में काम करने वाले लाखों श्रमिकों की आजीविका पर गंभीर संकट है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गुजरात का हीरा उद्योग में काम करने वाले लाखों श्रमिकों की आजीविका पर गंभीर संकट है। विशेषरूप से सौराष्ट्र क्षेत्र के ग्रामीण हिस्से में कार्यरत इकाइयां इससे अधिक अधिक प्रभावित हुई हैं। उद्योग के प्रतिनिधियों के मुताबिक, ये इकाइयां प्रसंस्करण और पॉलिश करने के लिए रूस से छोटी मात्रा में हीरों का आयात करती हैं।

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के क्षेत्रीय चेयरमैन दिनेश नवादिया के मुताबिक, राज्य के हीरा उद्योग में करीब 15 लाख लोगों को रोजगार मिला है। रूस से छोटे आकार के कच्चे हीरों की आपूर्ति में कमी के कारण गुजरात के व्यापारी अफ्रीकी देशों और अन्य जगहों से कच्चा माल खरीदने को मजबूर हैं। गुजरात में पॉलिश के लिए आने वाले हीरों में से 60 प्रतिशत रूस से आते हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे आकार के हीरे हैं।
इसलिए राज्य की हीरा इकाइयों ने अपने श्रमिकों और पॉलिश करने वालों के काम के घंटों में कटौती की है, इससे उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। अमेरिका को भारत से 70 प्रतिशत कटे और पॉलिश हीरों का निर्यात किया जाता है। उसने रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में कुछ बड़ी कंपनियों से कहा है कि वे रूसी सामान नहीं खरीदेंगी। इस वजह से विशेषरूप से सौराष्ट्र के भावनगर, राजकोट, अमरेली और जूनागढ़ जिलों के हीरा श्रमिक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
नवादिया ने कहा, हम रूस से लगभग 27 प्रतिशत कच्चे हीरे का आयात कर रहे थे। लेकिन युद्ध के कारण अब इतनी मात्रा गुजरात में प्रसंस्करण इकाइयों तक नहीं पहुंच रही है, जिससे वहां काम प्रभावित हो रहा है।
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