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जिसमें बलूचिस्तान प्रांत के ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण काफी तबाही मची है। बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन पर मूल राष्ट्रीय पहचान पत्र (CNIC) मांगकर उन्हें राशन देने से इनकार करने का आरोप लगाया है। जियो न्यूज के अनुसार, अधिकारी कथित तौर पर सत्यापन उद्देश्यों के लिए राष्ट्रीय पहचान पत्र की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों ने कहा है कि जब उनके घरों में बाढ़ आई तो उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया। उन्होंने जब मदद की गुहार लगाई तो उनसे राष्ट्रीय पहचान पत्र मांगा गया।
बाढ़ पीड़ितों से मांगा जा रहा राष्ट्रीय पहचान पत्र
पीड़ितों ने बताया कि राशन हमारे लिए आता है, लेकिन इसे देने के एवज में हमसे राष्ट्रीय पहचान पत्र मांगते हैं। हमारे पास कुछ कार्ड थे लेकिन सभी के पास नहीं थे। पीड़ितों ने कहा कि एक कार्ड के राशन पर 10 लोगों का परिवार कैसे जीवित रह सकता है। पीड़ित ने प्रशासन से इस मुद्दे को हल करने की अपील करते हुए कहा कि अगर उन्हें लगता है कि वे झूठ बोल रहे हैं, तो वे एक घर में लोगों की संख्या निर्धारित करने के लिए घरों का सर्वेक्षण कर सकते हैं।
पीड़ितों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
एक अन्य पीड़ित ने कहा हम यहां राशन के लिए खड़े हैं। हमें कुछ नहीं मिला है, लेकिन वे हमें बाहर कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच प्रशासन ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। बता दें कि बलूचिस्तान में इस साल मानसून के मौसम में अप्रत्याशित रूप से भारी बारिश हुई है। प्रांत में हाल ही में बारिश के कारण आई बाढ़ ने हजारों लोगों के घर तबाह कर दिए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर लासबेला जिले में देखने को मिला है।
बाढ़ के कारण 18 हजार से अधिक घर हुए तबाह
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के अनुसार, प्रांत में बाढ़ के कारण कुल 18,087 घर क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हो गए थे। बारिश के कारण नलकूप, सौर पैनल और संचार के अन्य साधन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पीडीएमए ने कहा कि मानसून की बारिश के कारण छह अलग-अलग राजमार्गों पर 670 किलोमीटर लंबाई और 16 पुलों को भारी नुकसान हुआ है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने ट्वीट कर बताया कि पाकिस्तान मौसम विभाग के अनुसार, देश में आने वाले सप्ताह में और बारिश होगी। इस्लामाबाद, कश्मीर, पंजाब, खैबर-पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध में 6 से 9 अगस्त तक भारी बारिश होगी।
बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है बलूचिस्तान प्रांत
वहीं, जलवायु परिवर्तन के संघीय मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि जून के मध्य से इन मानसून के दौरान बलूचिस्तान में सामान्य से 600 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की गई है। जबकि सिंध में 500 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। प्रमुख शहरों को बाढ़, बिजली की कटौती जैसी समस्याओं को लेकर चेतावनी दी जा रही है। रहमान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव देश में स्थिति को लगातार बढ़ा रहे हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने पाकिस्तान में असामान्य रूप से तेज मानसूनी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 549 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें बलूचिस्तान प्रांत के ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
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