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हर्निश सरपाल को भी पुलिस ने 25 किलोग्राम मेफेड्रोन के साथ दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
सट्टेबाज और क्रिकेट को हिला देने वाले वर्ष 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण के मुख्य आरोपी संजीव चावला के भारत प्रत्यर्पण के एक साल के भीतर ही सरकार को एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह के किंगपिन के प्रत्यर्पण हासिल करने में सफलता हाथ लगी है। खबर है कि भगोड़ा इंटरनेशनल ड्रग्स कार्टेल के किनपिंग 38 वर्षीय किशन सिंह को लंदन से भारत लाया गया है।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, राजस्थान के रहने वाले ब्रिटिश नागरिक किशन सिंह को भारतीय अधिकारियों के कहने पर 23 अगस्त 2018 को ब्रिटेन के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में जमानत पर वह छूट गया था। दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिर कार भारत सरकार को किशन सिंह को भारत प्रत्यर्पित करने में सफलता हाथ लगी है।
सूत्रों के मुताबिक, किशन सिंह को रविवार रात में लंद से भारत विमान से लाया गया। अब यहां पर उसके खिलाफ मामला चलेगा। साल 2019 में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने किशन को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि किशन को भारत में मुकदमा का सामना करना होगा।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, किशन सिंह को तिहार जेल में ही रखा जाना था। उसने अपने प्रत्यर्पण को यह कहकर चुनौती दी थी कि अगर उसे भारत भेजा गया तो यहां पर उसे निष्पक्ष ट्रायल नहीं मिलेगा। हालांकि, उसकी याचिका को ब्रिटेन की अदालत ने खारिज कर दिया।
बता दें कि किशन सिंह पर रेव पार्टियों में इस्तेमाल होने वाले 'म्याऊ-म्याऊ' यानी मेफेड्रोन ड्रग्स सप्लाई करने का आरोप था। यह मामला तब सामने आया जब एथलीट और कॉमन वेल्थ गेम्स के रजत पदक विजेता हरप्रीत सिंह को पुलिस ने फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया। किशन सिंह के दो कथित दो कथित सहयोगियों को अमनदीप सिंह और हर्निश सरपाल को भी पुलिस ने 25 किलोग्राम मेफेड्रोन के साथ दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
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