विश्व

रूस में दवाओं की कमी, यूक्रेन के खिलाफ जंग का है असर या कुछ और है वजह

Neha Dani
4 April 2022 7:04 AM GMT
रूस में दवाओं की कमी, यूक्रेन के खिलाफ जंग का है असर या कुछ और है वजह
x
इसमें उन्‍होंने बताया था कि वो लगातार अलग-अलग जगहों पर दवाएं तलाश कर चुके हैं लेकिन उन्‍हें दवाएं नहीं मिली हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच मास्‍को में अब दवाओं की कमी महसूस की जा रही है। सोशल मीडिया के जरिए लोग लगातार इस कमी की जानकारी शेयर कर रहे हैं। इनमें कहा जा रहा है कि जंग और इसकी वजह से ली पाबंदियों के चलते दवाओं की सप्‍लाई में कमी आई है। कुछ दवाएं तो ऐसी हो गई हैं जो कहीं भी नहीं मिल पा रही हैं। ये केवल मास्‍को का ही हाल नहीं है बल्कि देश के कई दूसरे शहरों में भी ऐसा ही हाल दिखाई दे रहा है। दवाओं के न मिलने की वजह से मरीजों को भी मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है। ये हाल तब है जब रूस में कोरोना महामारी का संकट लगातार बना हुआ है और यहां पर अब भी हजारों में मामले सामने आ रहे हैं।

कई जगह तलाशने के बाद भी नहीं मिली दवा
दवा की तलाश में निकले कजान के रहने वाले एक व्‍यक्ति ने एपी से बातचीत के दौरान बताया कि उसको किसी भी फार्मेसी पर दवा नहीं मिली है। उसने बताया कि वो अपने पिता के लिए दवा की तलाश करते हुए थक गया है। वहीं दूसरी तरफ एक्‍सपर्ट और हेल्‍थ आथरिटी का कहना है कि मौजूदा समय में दवाओं की कमी आंशिक है इसको जल्‍द ही दूर कर लिया जाएगा। इनका कहना है कि लाजिस्टिक सपोर्ट में आई देरी और कमी की वजह से दवाओं की सप्‍लाई बाधित हुई है। इसके अलावा पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का भी असर दवाओं की सप्‍लाई पर पड़ा हे। बताया जा रहा है कि हाईक्‍वालिटी मेडिसिन रूस के दवा बाजार से गायब हो गई हैं।
मास्‍को अस्‍पताल की कार्डिक इंटेंसिव केयर यूनिट के हेड डाक्‍टर एलेक्‍सी एरलिख (Dr. Alexey Erlikh) का कहना है कि वो नहीं जानते हैं कि ऐसा क्‍यों हो रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में और दवाओं की कमी हो सकती है। एपी की खबर में बताया गया है कि मार्च से ही दवाओं की कमी हो रही है। पश्चिमी देशों के लगे प्रतिबंधों के बाद रूस काफी हद तक अलग थलग पड़ गया है। पेशेंट्स राइट ग्रुप का कहना है कि मार्च के दूसरे सप्‍ताह से ही इस तरह की कमी शुरू हो गई थी। इस ग्रुप के प्रमुख जियोतदिन उव्‍येसोव (Ziyautdin Uvaysov) का कहना है कि उन्‍होंने देशभर में इस बारे में जांच की है । उन्‍होंने इस दौरान पाया कि रूस में सबसे अधिक इस्‍तेमाल की जाने वाली करीब दस दवाएं मार्केट में नहीं हैं।
80 दवाओं की जबरदस्‍त कमी
उन्‍होंने इस बारे में फार्मेसियों से बात की तो उन्‍होंने इसको लेकर हामी तो भरी लेकिन साथ ही कहा कि उन्‍हें इसके कारणों के बारे में कुछ नहीं पता है। आथरिटी की तरफ से भी इस बारे में कुछ खास जवाब नहीं दिया गया है। रूस के सबसे बड़ी मेडिकल वर्कर्स कम्‍यूनिटी Vrachi.Rf ने एक सर्वे मार्च में किया था जिसमें करीब तीन हजार डाक्‍टरों को शामिल किया गया था। इस सर्वे में पता चला कि एंटी इंफ्लेमेटरी, गेस्‍ट्रोइंटेंस्‍टाइनल, एंटीएपिलिप्टिक और एंटीकांवल्‍सेंट ड्रग समेत करीब 80 दवाओं की देश में जबरदस्‍त कमी है। मार्च में एपी से कई लोगों ने रूस के अलग-अलग शहरों से संपर्क किया था। इसमें उन्‍होंने बताया था कि वो लगातार अलग-अलग जगहों पर दवाएं तलाश कर चुके हैं लेकिन उन्‍हें दवाएं नहीं मिली हैं।


Next Story