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पाकिस्तान में सूखे के हालात और बिगड़ सकते हैं, मानसून से भी राहत की नहीं उम्मीद

Neha Dani
21 Feb 2021 2:18 AM GMT
पाकिस्तान में सूखे के हालात और बिगड़ सकते हैं, मानसून से भी राहत की नहीं उम्मीद
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इसका प्रभाव कृषि और पशुओं पर भी हो सकता है.

कोरोना (Corona) और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे पाकिस्तान (Pakistan) के सामने एक और बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. पाकिस्तान में सूखे जैसे हालात (Drought like conditions in Pakistan) बन रहे हैं. ये पाकिस्तान के किसानों के लिए खतरे की घंटी है. पाकिस्तान के दो प्रांत सिंध (Sindh) और बलूचिस्तान (Balochistan) के जिन हिस्सों में सूखे जैसी स्थितियां बन रही हैं उन्हें मानसून (Monsoon) से भी कोई उम्मीद नहीं है. मौसम विभाग (Mete­orological Department) का कहना है कि इन प्रांतों में मानसून के समय भी आमतौर पर अच्छी बारिश (Rain) नहीं होती.

पाकिस्तान के मौसम विभाग ने चेताया है कि सिंध और बलूचिस्तान के भागों में सूखे के हालात और बिगड़ सकते हैं, जिसके चलते खेती की जमीन को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है. मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है. डॉन अखबार के मुताबिक, मौसम विभाग की इकाई राष्ट्रीय सूखा निगरानी केंद्र ने गुरुवार को परामर्श जारी कर किया है, जिसमें दिखाया गया है कि देश में अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021 तक सामान्य से कम बारिश के चलते सूखे के हालात बने हैं.
बदतर हो सकते हैं सूखे के हालात
परामर्श के मुताबिक, बलूचिस्तान के मध्य और दक्षिणी जिलों में हल्के से मध्यम सूखे के हालात का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सिंध के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से भी सूखे की चपेट में हैं. इन इलाकों के संबंध में मौसम विभाग का मानना है कि सूखे के हालात और बदतर हो सकते हैं और इसका प्रभाव कृषि और पशुओं पर भी हो सकता है.
मौसम विभाग के प्रतिनिधित्व करने वाले सरदार सरफराज ने कहा कि ये एडवाइजरी वाटर मैनेजमेंट और एग्रीकल्चर से संबंधित स्टेकहोल्डर्स के लिए जारी की गई है. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें आपदाग्रस्त इलाकों में तैयारी और योजना बनाने में मदद मिलेगी.
मानसून से राहत की उम्मीद नहीं
सूखे की स्थिति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के मौसम के पैटर्न से पता चला है कि यहां सर्दियों में 60pc से 70pc तक सालाना बारिश हुई जबकि सिंध में अक्टूबर से मई तक सूखा रहा. उन्होंने कहा कि इस मौसम ने बलूचिस्तान के अधिकांश हिस्सों में हल्के से मध्यम स्तर की सूखे की स्थिति पैदा कर दी है. स्थिति और भी खराब हो सकती है क्योंकि आमतौर पर मानसून के मौसम में यहां अच्छी बारिश नहीं होती है.


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