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ओमान तट के पास तेल के टैंकर पर ड्रोन से हमला: अमेरिकी नौसेना

Neha Dani
31 July 2021 10:29 AM GMT
ओमान तट के पास तेल के टैंकर पर ड्रोन से हमला: अमेरिकी नौसेना
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जिसके बाद से क्षेत्र में जहाजों पर कई हमले हुए हैं और इनका संदेह ईरान पर ही जाता रहा है.

अमेरिकी नौसेना के विस्फोटक उपकरण विशेषज्ञों का मानना है कि अरब सागर में ओमान तट के पास तेल के टैंकर पर 'ड्रोन हमला' (Drone Attack) किया गया है, जिससे उसमें सवार दो लोगों की मौत हो गई. अमेरिकी सेना ने शनिवार को यह जानकारी दी है. तेल टैंकर 'मर्सर स्ट्रीट' पर गुरुवार रात को हुआ हमला ईरान के साथ उसका परमाणु समझौते (Nuclear Deal) टूटने को लेकर उत्पन्न तनाव के चलते क्षेत्र में व्यावसायिक नौवहन पर कई वर्षों बाद पहला ज्ञात घातक हमला है.

हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है लेकिन इजरायली अधिकारियों ने ईरान पर ड्रोन हमला करने का आरोप लगाया है (Israli Oil Tanker Hit by Drone Strike). ईरान ने प्रत्यक्ष रूप से हमले को स्वीकार नहीं किया है लेकिन यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब तेहरान पश्चिम के साथ और भी सख्त रुख अपनाने की ओर अग्रसर है और देश राष्ट्रपति के रूप में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के प्रति कट्टर समर्थन जताता दिख रहा है.
ब्रिटेन-रोमानिया के निवासियों की मौत
अमेरिकी नौसेना के पश्चिम एशिया स्थित 'फिफ्थ फ्लीट' ने शनिवार सुबह जारी बयान में कहा कि परमाणु शक्ति चालित अमेरिकी विमानवाहक पोत 'यूएसएस रोनाल्ड रीगन' और निर्देशित मिसाइल विध्वंसक 'यूएसएस मित्सचर' अब मर्सर स्ट्रीट के सुरक्षित बंदरगाह पर पहुंचने तक उसका मार्गरक्षण कर रहे हैं. इससे एक दिन पहले ही तेल टैंकर का प्रबंधन करने वाली कंपनी ने बताया था कि हमले में चालक दल के दो लोगों की मौत हुई है, जो ब्रिटेन और रोमानिया के निवासी थे (Arabian Sea Oil Tanker Attack).
जांच में सहयोग कर रहा अमेरिका
वहीं फिफ्थ फ्लीट ने कहा, 'अमेरिकी नौसेना के विस्फोटक विशेषज्ञ अब पोत पर हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए चालक दल के सदस्यों को कोई अतिरिक्त खतरा ना हो और हमले की जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हैं. इसने कहा, 'शुरुआती संकेतों से साफ लगता है कि यह ड्रोन से किया गया हमला है.' इस समय ईरान और इजरायल के बीच छद्म युद्ध हो रहा है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 2018 में एकपक्षीय तरीके से समझौते से हट गए थे, जिसके बाद से क्षेत्र में जहाजों पर कई हमले हुए हैं और इनका संदेह ईरान पर ही जाता रहा है.

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