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अपने ही बुने जाल में फंसा ड्रैगन, इस शहर में अनकन्ट्रोल्ड हुआ कोरोना

Subhi
29 Oct 2022 12:49 AM GMT
अपने ही बुने जाल में फंसा ड्रैगन, इस शहर में अनकन्ट्रोल्ड हुआ कोरोना
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ऐसा लगता है चीन अपने ही बुने ही जाल में फंसता जा रहा है। दुनिया के तमाम देश कोरोना पर काबू पाने में काफी हद तक कामयाब हैं। वहीं, चीन में रह-रहकर कोरोना की समस्या सिर उठा लेती है।

ऐसा लगता है चीन अपने ही बुने ही जाल में फंसता जा रहा है। दुनिया के तमाम देश कोरोना पर काबू पाने में काफी हद तक कामयाब हैं। वहीं, चीन में रह-रहकर कोरोना की समस्या सिर उठा लेती है। ताजा मामला चीन के शंघाई का है, जहां स्थिति काफी ज्यादा विस्फोटक हो गई है। हालत यह है कि शंघाई के यांगपु जिले में सभी 13 लाख निवासियों की शुक्रवार को कोविड-19 जांच का आदेश दिया गया। वहीं कोविड जांच का रिजल्ट आने तक उन्हें अपने घरों के अंदर रहने को कहा गया है। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में बेमियादी लॉकडाउन होने से हाल बेहाल है और जगह-जगह प्रोटेस्ट हो रहा है।

पहले भी लग चुका है दो महीने का लॉकडाउन

उल्लेखनीय है कि गर्मियों के मौसम में 2.5 करोड़ की आबादी वाले शहर में दो महीने का लॉकडाउन लागू होने के कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था। खाद्य सामग्री की कमी हो गई थी और निवासियों एवं अधिकारियों के बीच टकराव देखने को मिले थे। लॉकडाउन की शुरुआत में अधिकारियों ने कहा था कि यह महज कुछ दिनों की बात है लेकिन फिर इसकी समय सीमा बढ़ाते चले गए। इस हफ्ते संपन्न हुए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के तीसरे कार्यकाल को मंजूरी दी गई। इसके बाद से चीन ने कोविड-19 के प्रति अपनाई गई अपनी कड़ी नीति से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है।

लॉकडाउन के खिलाफ प्रोटेस्ट

देशभर में, पूर्व में शंघाई से लेकर पश्चिम में तिब्बत तक कड़े नियम लागू किये गये हैं, जहां लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिले हैं। वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि तिब्बत में स्थानीय निवासी और हान चीनी मूल के लोग ल्हासा की सड़कों पर 74 दिनों से लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। यह वीडियो कथित तौर पर बुधवार को बनाई गई थी। ल्हासा में 2008 में सरकार विरोधी रक्त रंजित प्रदर्शन होने के बाद से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस बीच, चीन में शुक्रवार को कोविड के 1,337 नये मामले सामने आए।


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