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ड्रैगन ने चला नया दांव, वैक्सीन का लालच देकर वियतनाम के करीब जाने की कोशिश में US और चीन, जानें क्या है बड़ी वजह

Renuka Sahu
12 Sep 2021 4:06 AM GMT
ड्रैगन ने चला नया दांव, वैक्सीन का लालच देकर वियतनाम के करीब जाने की कोशिश में US और चीन, जानें क्या है बड़ी वजह
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फाइल फोटो 

दक्षिण चीन सागर पर पूरी दुनिया को आंख दिखाने वाले चीन की एक चाल सामने आई है, चीन वियतनाम को अपना दोस्त बनाने के लिए आगे आया है

जनता से रिश्ता वेबडेसक। दक्षिण चीन सागर पर पूरी दुनिया को आंख दिखाने वाले चीन की एक चाल सामने आई है, चीन वियतनाम को अपना दोस्त बनाने के लिए आगे आया है. चीन से पहले अमेरिका ने वियतनाम को अपने साथ मिलाने और दोस्त बनाने का दांव खेला था. दरअसल चीन कोरोना महामारी के इस दौर में अपनी वैक्सीन नीति के जरिए वियतनाम के करीब जाने की कोशिश में है. चीन वियतनाम को करीब करने के लिए वैक्सीन का लालच भी दे रहा है.

किसका सहयोगी है वियतनाम
अब सवाल यह उठ रहा है वियतनाम किसका सहयोगी है. लंबे अरसे से वियतनाम और चीन के बीच क्षेत्रीय विवाद रहा है, ऐसे में चीन और वियतनाम के नेता क्यों हाथ मिला रहे हैं? इसके अलावा सवाल यह भी उठ रहा है कि वियतनाम और चीन के नेताओं के बीच मुलाकात अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के वियतनाम दौरे के कुछ दिनों बाद ही क्यों हो रही है?
सवालों का जवाब है दक्षिण चीन सागर
अब तक उठे सभी सवालों का जवाब है दक्षिण चीन सागर. हर साल दक्षिण चीन सागर से अरबों डॉलर का व्यापार होता है. ये रास्ता पूरी दुनिया में तेल और गैस भंडार के लिए जाना जाता है. इसकी रणनीतिक नजरिये से भी काफी अहमियत है. यही वजह है कि चीन ने यहां मानव निर्मित द्वीपों पर अपनी नौसेना के लिए स्थायी ठिकाने तैयार किए हैं. वहीं अमेरिका मानता है कि ये स्वतंत्र इलाका है जहां कोई भी जहाज बिना रोकटोक गुजर सकता है.
वियतनाम भी करता है दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा
उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए वियतनाम से अमेरिका का साथ देने को कहा था. क्योंकि वियतनाम भी उन देशों में शामिल है जो साउथ चाइना सी पर अपनी दावेदारी बताता हैं. अब अमेरिका के जवाब में चीन ने भी अपनी टेढ़ी चाल चल दी है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार को दो दिन के वियतनाम दौरे पर पहुचे, जहां उन्होंने इस द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा कर अपने संबंधों में सुधार करने की बात कही और वियतनाम को कोरोना की 30 लाख वैक्सीन की डोज देने का वादा भी किया.


अब देखना ये होगा कि वियतनाम चीन के साथ बरसों से चल रहे कलह को भूल कर चीन का साथ देगा या समुद्री मार्ग में चीन के दखल को खत्म करने के लिए अमेरिका का सहयोगी बनेगा.


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