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ड्रैगन ने दक्षिण चीन सागर में उतारी अपनी मिलिशिया, पेट्रोलिंग में 300 जहाज

Gulabi
19 Nov 2021 12:31 PM GMT
ड्रैगन ने दक्षिण चीन सागर में उतारी अपनी मिलिशिया, पेट्रोलिंग में 300 जहाज
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चीन की सीमा जिन देशों से लगती है, वह उनकी जमीन हड़पने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहा है. लेकिन
चीन की सीमा जिन देशों से लगती है, वह उनकी जमीन हड़पने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहा है. लेकिन चीन की नजर जमीन के साथ-साथ पानी वाले रास्ते पर भी है. ऐसा कहा जा रहा है कि वह दक्षिण चीन सागर पर जल्द ही कब्जा कर सकता है. चीन ने यहां अपनी मिलिशिया उतार दी है. उसके करीब 300 जहाज इस इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे हैं. ये दावा यूएस सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) ने अपने नए अध्ययन में किया है. चीन इस विवादित क्षेत्र पर अपना दावा करता है. उसे सैन्य गतिविधि बढ़ाने के चलते कई देशों के साथ तनाव का सामना भी करना पड़ रहा है.
सीएसआईएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन की मैरीटाइम मिलिशिया ने लगभग पूरे समुद्र पर अपने बढ़ते दावे के बीच 'पेट्रोलिंग' करना शुरू कर दिया है. चीन अकेला देश नहीं है, जो दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है (China South China Sea Claims). उसके अलावा वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान भी यहां के अलग-अलग हिस्सों को अपना बताते हैं. चीन दक्षिण चीन सागर पर अपनी पैठ मजबूत करने के लिए आर्टिफिशियल द्वीप बना रहा है (China South China Sea Building Islands). इन्हीं द्वीपों के ऊपर हवाई पट्टी, सैन्य बुनियादी ढांचा और बंदरगाह बनाए जा रहे हैं.
कई देशों से लगती है सीमा
चीन की मैरीटाइम मिलिशिया 1950 के दशक के दौरान की गई तटीय रक्षा से जुड़ी है. चीन का इरादा दक्षिण चीन सागर पर कब्जा करना है. प्रशांत महासागर का ये छोटा सा हिस्सा चीन और दुनिया के दूसरे देशों के लिए काफी अहमियत रखता है. ये रास्ता विश्व व्यापार के लिए बेहद अहम है (US China South China Sea Conflict News). दक्षिण चीन सागर की सीमा दक्षिणी चीन, वियतनाम, फिलीपींस, थाईलैंड, ताइवान, मलेशिया, इंडोनेशिया और ब्रुनेई से लगती है. इस क्षेत्र का रणनीतिक महत्व इसे काफी जरूरी बना देता है.
क्यों जरूरी है ये रास्ता?
दक्षिण चीन सागर एशिया में सबसे अहम समुद्री मार्ग माना जाता है. दुनिया की प्राकृतिक गैस व्यापार का 40 प्रतिशत इसी से होकर गुजरता है. इस रास्ते का इस्तेमाल हर साल लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार लिए होता है. अमेरिका भले ही यहां से दूर हो, लेकिन अमेरिकी व्यापार का करीब छह फीसदी हिस्सा दक्षिण चीन सागर से होकर गुजरता है (South China Sea Economic Importance). बेशक कई देश यहां दावा करते हैं, लेकिन चीन का कहना है कि उसका इस जगह से ऐतिहासिक रिश्ता है और इसलिए वह उसपर विशेषाधिकार रखना चाहता है. वहीं फिलीपींस इस समुद्री रास्ते पर अपने दावे को मजबूत करने के लिए इसे 'वेस्ट फिलीपींस सी' कहकर संबोधित करता है.
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