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कैदी नंबर 650 के नाम से मशहूर डॉ. आफिया सिद्दीकी, कोड ने सुनाई है पूरे 86 साल की सजा

Neha Dani
20 Sep 2021 9:00 AM GMT
कैदी नंबर 650 के नाम से मशहूर डॉ. आफिया सिद्दीकी, कोड ने सुनाई है पूरे 86 साल की सजा
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जब से पाकिस्‍तान में इमरान खान ने सत्‍ता संभाली है तब से ही डॉक्‍टर आफिया को रिहा करने की मांग की जा रही है.

इन दिनों 16 मुसलमान देशों में हैशटैग #free_sister_aafia ट्रेंड कर रहा है. ट्विटर पर पिछले दिनों डॉक्‍टर आफिया सिद्दीकी के समर्थन में इस हैशटैग को जमकर ट्रेंड कराया गया. ट्विटर पर इस हैशटैग को फौजिया सिद्दीकी ने ट्रेंड कराया था जो कि आफिया सिद्दीकी की बहन हैं.

डॉक्‍टर आफिया सिद्दीकी ने पिछले हफ्ते अपनी वकील को बताया है कि 30 जुलाई को जेल में उन पर हमला हुआ था. साल 2003 में डॉक्‍टर आफिया को उनके तीन बच्‍चों के साथ किडनैप कर लिया गया था. कहा जाता है कि अमेरिकी सेना ने उन्‍हें टॉर्चर किया, उनका रेप किया और फिर अफगानिस्‍तान के बगराम जेल में उन्‍हें कैद कर दिया था.
डॉक्‍टर ऑफिया पर हमले का आरोप
अफगानिस्‍तान में अमेरिका की तरफ से बगराम जेल को खोला गया था. यह जेल कैदियों को प्रताड़‍ित करने के लिए विख्‍यात है. पिछले माह तालिबान ने काबुल पर कब्‍जे के साथ ही इस जेल में अंद तमाम कैदियों को भी रिहा करा लिया है. पाक सरकार की तरफ से अमेरिकी अथॉरिटीज के खिलाफ अब एक शिकायत दर्ज कराई गई है. पाक सरकार का कहना है कि फोर्ट वोर्थ स्थित फेडरल मेडिकल सेंटर कार्सवेल जेल में डॉक्‍टर आफिया पर बाकी कैदियों ने हमला किया है.
डॉक्‍टर आफिया का कहना है कि उन पर एक महिला ने कॉफी मग से हमला किया और उनके चेहरे पर गर्म कॉफी गिरा दी थी. हमले के बाद डॉक्‍टर आफिया को व्‍हीलचेयर पर एक अकेली सेल में रखा गया है. सिद्दीकी के वकील का कहना है कि जब वो आफिया से मिलने गई थीं तो उनके चेहरे पर कट का निशान था और दूसरे घाव थे. पाक की मानें तो सिद्दीकी ने अपने हुए हमले के बारे में दूसरे ऑफिसर्स को बताया था मगर जेल अथॉरिटीज की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया.
कौन हैं डॉक्‍टर आफिया
डॉक्‍टर आफिया पाकिस्‍तानी मूल की अमेरिकी नागरिक हैं. उन्‍होंने प्रतिष्ठित मैसाच्‍युसेट्सइंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (MIT) से पीएचडी की पढ़ाई की है. वो तीन बच्‍चों की मां हैं. पाक मीडिया की मानें तो मार्च 2003 में जब वो अपने तीन बच्‍चों के साथ फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पर गईं थी तो उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
डॉक्‍टर आफिया ने टीआरटी वर्ल्‍ड को दिए इंटरव्‍यू में बताया था उनके तीन बच्‍चों के साथ उन्‍हें किडनैप कर लिया गया था और फिर उन्‍हें बगराम एयरबेस ले जाया गया था. अमेरिका ने उन पर आरोप लगाया था कि वो अल कायदा की सदस्‍य हैं.
ऐसा कहा जाता है कि साल 2003 में पाकिस्‍तानी सरकार ने अमेरिका की तरफ से अल कायदा सदस्‍यों पर तय ईनाम की रकम को हासिल करने के लिए डॉक्‍टर आफिया को आरोपों के आधार पर अमेरिकी अथॉरिटीज को सौंप दिया था.
आफिया की बहन फौजिया की मानें तो जेल में अमेरिकी सेना ने उनका रेप किया और तब तक उन्‍हें टॉर्चर किया जब तक कि उन्‍होंने अपने कुबूलनामा साइन नहीं कर दिया था. उन्‍हें ड्रग्‍स दी जाती थीं, राइफल से तब तक मारा जाता था जब तक उनका खून न निकलने लगे और नंगा होकर कुरान पर चलने के लिए कहा जाता था.
साल 2010 में सुनाई गई सजा
फौजिया के अलावा जब ये सब होता था तब उनके बच्‍चों को वहीं बैठने को मजबूर किया जाता था. साल 2008 में ब्रिटिश जर्नलिस्‍ट यावोने रिडले ने पहली बार पाक मीडिया के सामने बगराम जेल में बंद एक महिला का जिक्र किया था. साल 2008 में डॉक्‍टर आफिया पर अमेरिकी सैनिकों की हत्‍या की कोशिश का आरोप लगा था. साल 2010 में डॉक्‍टर आफिया को बगराम से अमेरिका भेज दिया गया.
19 जनवरी 2010 में उनके खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ. दो हफ्तों तक चले ट्रायल के बाद उन्‍हें अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने 86 साल की सजा सुना दी थी. उनके समर्थकों की मानें तो उनका आरोप साबित करने के लिए कोई भी फॉरेंसिंक सुबूत पेश नहीं किया गया था. जब से पाकिस्‍तान में इमरान खान ने सत्‍ता संभाली है तब से ही डॉक्‍टर आफिया को रिहा करने की मांग की जा रही है.

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