जनता से रिश्ता वेबडेस्क। न्यूयॉर्क में रहने वाले स्कॉटलैंड के लेखक डगलस स्टुअर्ट को उनके पहले उपन्यास 'शगी बेन' के लिए गुरुवार को वर्ष 2020 का बुकर पुरस्कार मिला। डगलस के उपन्यास की कहानी ग्लासगो की पृष्ठभूमि पर आधारित है। बता दें कि दुबई में बसीं भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी के पहले उपन्यास 'बर्नट शुगर' सहित कुछ छह लोगों के उपन्यास पुरस्कार के लिए नामित थे।
पुरस्कार जीतने पर स्टुअर्ट ने कहा, 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा। शगी एक काल्पनिक किताब है लेकिन इसे लिखना मेरे लिए बेहद भावनात्मक रहा है।' डगलस ने यह किताब अपनी मां को समर्पित की है। 44 वर्षीय लेखक जब 16 साल के थे तब उनकी मां का निधन अत्यधिक शराब पीने की वजह से हो गया था।
पुरस्कार ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा एक लेखक बनना चाहता था। यह सपना पूरे होने जैसा है। इसने मेरे पूरे जीवन को बदल दिया है।' दरअसल, रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट इन लंदन से स्नातक करने के बाद स्टुअर्ट फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए न्यूयॉर्क चले गए थे। बतौर फैशन डिजाइनर उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों (कैल्विन क्लीन, राल्फ लॉरेन और गैप) के साथ काम किया। शुरुआत में उन्होंने खाली समय में लिखना शुरू किया था।
विशेष स्क्रीन से जुड़े सभी नामित लेखक
कोरोना वायरस के मद्देनजर बुकर पुरस्कार 2020 के समारोह को लंदन के राउंडहाउस से प्रसारित किया गया। सभी 6 नामित लेखक एक विशेष स्क्रीन के जरिये समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी बुकर पुरस्कार प्राप्त उपन्यासों पर अपने विचार व्यक्त किए।
30 प्रकाशकों ने उपन्यास को छापने से कर दिया था इन्कार
अमेरिका में 'ग्रोव अटलांटिक' और ब्रिटेन में 'पिकाडोर' द्वारा इस उपन्यास को प्रकाशित किए जाने से पहले 30 प्रकाशकों ने इसे छापने से इन्कार कर दिया था। ज्यूरी के मुताबिक शुगी बैन ऐसा उपन्यास है जो ना केवल किसी व्यक्ति को रूला सकता है बल्कि आपके चेहरे पर मुस्कान भी ला सकता है। यह जीवन बदलने वाला उपन्यास है। डगलस स्टुअर्ट बुकर पुरस्कार जीतने वाले दूसरे स्कॉटिश नागरिक हैं। इससे पहले वर्ष 1994 में जेम्स केमैन को 'हाउ लेट इट वाज, हाउ लेट' के लिए पुरस्कार मिला था।
पुरस्कार में मिलते हैं पचास हजार पाउंड
यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी भी भाषा के काल्पनिक कथा उपन्यास को दिया जाता है, जिसका अनुवाद अंग्रेजी में हुआ हो और प्रकाशन ब्रिटेन अथवा आयरलैंड में हुआ हो। पहली बार काल्पनिक उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार 1969 में दिया गया था। पुरस्कार के तहत विजेता को पचास हजार पाउंड (लगभग पचास लाख रुपये) की राशि दी जाती है।