डोनाल्ड ट्रंप अस्पताल के बाहर मौजूद समर्थकों से मिलने पहुंचे,उठाया गैर जिम्मेदाराना कदम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क |वाशिंगटन,। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार दिखा दिया कि वह कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीर नहीं हैं। वायरस की चपेट में आने के बाद इलाज करा रहे ट्रंप रविवार को अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करने अस्पताल से बाहर निकल आए।
ट्रंप समर्थकों के करीब पहुंचे, लेकिन इस दौरान वह अपनी काली एसयूवी से नीचे नहीं उतरे। उनके इस कदम की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आलोचना की है। उधर, व्हाइट हाउस के डॉक्टरों ने कहा है कि राष्ट्रपति को जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है।
बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रपति ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद दोनों व्हाइट हाउस में क्वारंटाइन हो गए थे। हालांकि शुक्रवार को हालत बिगड़ने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप को वाल्टर रीड मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दरअसल, अस्पताल के बाहर शुक्रवार रात से ही ट्रंप समर्थकों की भीड़ एकत्र होने लगी थी। ट्रंप ने ट्वीट करके उन्हें सरप्राइज देने की बात भी कही थी।
रविवार को समर्थकों से मिलने के तुरंत बाद ट्रंप ने ट्वीट करके कहा, 'मैं अस्पताल के बाहर मौजूद प्रशंसकों और समर्थकों की सराहना करता हूं। ये लोग वास्तव में देश से प्यार करते हैं।' अस्पताल के अंदर से जारी एक वीडियो संदेश में ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने कोरोना से बहुत कुछ सीखा है। काली एसयूवी में बैठे ट्रंप बंद खिड़की के अंदर से ही समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। ट्रंप ने इस दौरान कपड़े से बना मास्क पहन रखा था। उनके साथ मास्क पहने सीक्रेट सर्विस के दो एजेंट भी थे।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जूड डीरे ने कहा कि राष्ट्रपति को सुरक्षित रखने के लिए सभी एहतियाती उपाय किए गए थे। समर्थकों के बीच जाने से पहले मेडिकल टीम से इसकी इजाजत ली गई थी।
ट्रंप ने दूसरों की जिंदगी खतरे में डाली
वाल्टर रीड मिलिट्री हॉस्पिटल के एक वरिष्ठ डॉक्टर जेम्स फिलिप्स ने राष्ट्रपति के इस तरह समर्थकों के बीच जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की एसयूवी ना केवल बुलेटप्रूफ है बल्कि केमिकल हमलों को भी झेलने की क्षमता रखती है।
हालांकि कार के भीतर कोरोना संक्रमण का खतरा काफी अधिक था। अनावश्यक रूप से कार में मौजूद लोगों को अब 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहना होगा। ये लोग बीमार भी पड़ सकते हैं और शायद इनकी मौत भी हो सकती है। एक्टिंग के लिए ट्रंप ने उनकी जिंदगी को खतरे में डाल दिया। यह मूर्खता है। बता दें कि ट्रंप का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम में जेम्स शामिल नहीं हैं।
पत्रकारों ने भी जताया आक्रोश
व्हाइट हाउस को कवर करने वाले पत्रकारों के संगठन डब्ल्यूएचसीए ने भी राष्ट्रपति के इस निर्णय पर आक्रोश व्यक्त किया है। बता दें कि व्हाइट हाउस कवर करने वाले पत्रकारों को भी ट्रंप के इस फैसले की जानकारी नहीं दी गई थी। डब्ल्यूएचसीए ने कहा कि अमेरिकी जनता राष्ट्रपति से जुड़ी सभी तरह की जानकारी पाने की हकदार है। यह ऐसे समय और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्रपति बीमार हैं।