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सबसे कटु आलोचकों में गिना जाता है। यही कारण है कि दोनों की आज तक किसी भी मुद्दे पर एक राय नहीं बनी।
वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने पेलोसी को अराजकतावादी महिला बताया। ट्रंप ने कहा कि पेलोसी जिस भी काम को हाथ लगाती हैं, वह बिगड़ जाता है। उन्होंने सवाल किया कि नैन्सी पेलोसी ताइवान में क्या कर रही थीं। उनके कारण ही ताइवान और चीन में तनाव बढ़ा है। दरअसल, चीन के विरोध के बावजूद नैन्सी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की। इसके बाद भड़के चीन ने ताइवान को चारों तरफ से घेरकर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। चीन ने ताइवान के ऊपर कम से कम 11 बैलिस्टिक मिसाइलों को दागा, जो उसके हवाई क्षेत्र से होकर दक्षिण चीन सागर में जाकर गिरीं।
ट्रंप ने पेलोसी को बताया अराजकतावादी
डोनाल्ड ट्रंप ने डलास में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा, ''हमें वैश्विकता की बेड़ियों को फेंकना होगा और दो बहुत महत्वपूर्ण शब्दों को फिर से जोड़ना होगा। आप जानते हैं कि शब्द क्या हैं? अमेरिका फर्स्ट ... अगर हम ऐसा करते हैं, तो न केवल हम जो बाइडेन, चक शूमर, क्रेजी नैन्सी पेलोसी को निकाल देंगे।'' उन्होंने पूछा, ''पेलोसी ताइवान में क्या कर रही थीं? वह जो कुछ भी छूती हैं वह बदल जाता है - मैं यह नहीं कहना चाहता ... महिला अराजकता लाती है और ठीक यही हो रहा है, अभी चीन में क्या हो रहा है, चीन और ताइवान में क्या हो रहा है। वह चीन के हाथों में खेलीं, क्योंकि अब उनके पास वह करने का बहाना है जो वे कर रहे हैं। मैं आपको बता रहा हूं कि ट्रंप के कार्यकाल के एक लाख वर्षों में ऐसा कभी नहीं होताष।''
पहले भी पेलोसी के निशाना साध चुके हैं ट्रंप
ट्रंप ने पहले भी नैन्सी पेलोसी पर निशाना साधते हुए उनके ताइवान दौरे को पागलपन करार दिया था। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रूथ सोशल पर कहा था कि ''ये क्रेजी नैन्सी पेलोसी ताइवान में क्या कर रही हैं। ये हमेशा मुश्किल पैदा करती हैं। ये कुछ भी ठीक से नहीं कर पाईं। इनसे दो बार के महाभियोग प्रयास भी ढंग से नहीं हो पाए थे।'' नेन्सी पेलोसी के अध्यक्ष रहते डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दो बार महाभियोग के प्रस्ताव पेश किए गए, लेकिन दोनों ही प्रयास विफल साबित हुए। नेन्सी पेलोसी को ट्रंप के सबसे कटु आलोचकों में गिना जाता है। यही कारण है कि दोनों की आज तक किसी भी मुद्दे पर एक राय नहीं बनी।
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