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प्रोजेक्ट्स में काम करने वालों और सिविल सोसायटी के लोगों को भी प्रश्रय देने की योजना पर काम कर रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से कब्जा करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर अमेरिका की अफगान नीति को पूरी तरह असफल कर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बाइडन को घेरते हुए कहा कि अब तालिबान न तो अमेरिका का सम्मान कर रहा है और न ही डर रहा है। ट्रंप ने कहा कि कितने शर्म की बात कि अब तालिबान काबुल में अमेरिकी दूतावास से हमारा झंडा हटाकर अपना झंडा फहराएगा। यह मौजूदा सरकार की कमजोरी,अक्षमता और पूरी रणनीति का असफल होना है।
तालिबान के काबुल की ओर तेजी से बढ़ने के बाद पांच हजार अमेरिकी सैनिकों को वहां भेजने के फैसले के तुरंत बाद ट्रंप ने कहा कि बाइडन की विदेश नीति हमेशा अफगानिस्तान सहित अन्य मुद्दों पर पूरी तरह फेल रही है। अब यह हर कोई जानता है कि बाइडन अत्यधिक दबाव नहीं झेल सकते हैं। बराक ओबामा कार्यकाल के रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स भी यही बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन हमारी अफगानिस्तान पर बनाई गई योजना पर अमल करने के बजाय वहां से भाग लिया। हमने ऐसी योजना बनाई थी, जिसमें हमारे लोग, संपत्ति और दूतावास पूरी तरह सुरक्षित रहते। हमने अपनी वापसी की ऐसी योजना बनाई थी, जिसमें आइएसआइएस जैसे संगठन भी कभी वापस नहीं लौटते।
अफगानिस्तानी नागरिकों को लंबी अवधि का वीजा देने पर विचार
अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हो चुके हैं और राजधानी काबुल को छो़़ड कर तकरीबन ज्यादातर ब़़डे शहरों पर या तो तालिबान का कब्जा हो चुका है या वहां उनका कब्जा होने की स्थिति बन गई है। ऐसे में भारत न सिर्फ अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है बल्कि वहां के अल्पसंख्यकों, भारतीय मिशनों, प्रोजेक्ट्स में काम करने वालों और सिविल सोसायटी के लोगों को भी प्रश्रय देने की योजना पर काम कर रहा है।
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