x
आर्कटिक नॉर्थ में, रूस की नॉर्दर्न फ्लीट दूसरे समुद्री जीवों का इस्तेमाल करती है, जैसे बेलुगा व्हेल और सील।
काला सागर में रूस के नौसैनिक अड्डे की सुरक्षा कुछ मछलियां कर रही हैं। इन मछलियों को रूस ने खास ट्रेनिंग दी है जो खतरा महसूस होने पर हमला भी कर सकती हैं। यूएसएनआई न्यूज (United States Naval Institute) ने दावा किया है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान काला सागर में अपने नौसैनिक अड्डे की सुरक्षा के लिए रूस ने प्रशिक्षित डॉल्फिन्स को तैनात किया है। रूसी नौसेना ने सेवस्तोपोल (Sevastopol) बंदरगाह के एंट्री गेट पर दो डॉल्फिन पेन रखे हैं।
यूएसएनआई न्यूज की खबर के अनुसार सैटेलाइट तस्वीरें से पता चलता है कि ये पेन यूक्रेन पर हमले के समय फरवरी में यहां लाए गए थे। सेवस्तोपोल काला सागर में रूसी नौसेना का सबसे प्रमुख नौसैनिक अड्डा है। संभवतः इन डॉल्फिन्स को पानी के नीचे जवाबी कार्रवाई के लिए यहां रखा गया है। अमेरिका और रूस इस तरह के ऑपरेशन के लिए समुद्री जीवों को ट्रेनिंग देते हैं। यह यूक्रेनी स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेस को रूसी युद्धपोतों को नुकसान पहुंचाने के लिए बंदरगाह में घुसपैठ करने से रोक सकता है।
शीत युद्ध के दौरान सोवियत सेना ने शुरू की थी यूनिट
World Navy Marine mammal program overview -> https://t.co/mhxJ3sf7cv pic.twitter.com/dNzVYviFeB
— H I Sutton (@CovertShores) April 27, 2022
सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, बंदरगाह के अंदर रूसी नौसेना के कई हाई-वैल्यू जहाज खड़े हैं जो यूक्रेनी मिसाइलों की रेंज से बाहर हैं। लेकिन घुसपैठ के जरिए इन्हें नुकसान पहुंचाया जा सकता है। शीत युद्ध के दौरान सोवियत नौसेना ने समुद्री जीवों से जुड़े कई प्रोग्राम विकसित किए थे जिसमें काला सागर में डॉल्फिन की ट्रेनिंग भी शामिल थी। वह यूनिट सेवस्तोपोल पास कज़ाच्या बुख्ता में मौजूद थी जहां यह आज भी है।
व्हेल और सील को भी ट्रेनिंग देता है रूस
साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूनिट यूक्रेनी सेना का हिस्सा बन गई। हालांकि इसे चालू रखने के कई प्रयासों के बाद भी इसमें कई मुश्किलें आईं और आखिरकार यह बंद हो गई। 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया जिसके बाद यह यूनिट रूसी नौसेना के नियंत्रण में आ गई। इसके बाद समुद्री जीवों के कार्यक्रम का विस्तार किया गया और यह दोबारा शुरू हो गई। आर्कटिक नॉर्थ में, रूस की नॉर्दर्न फ्लीट दूसरे समुद्री जीवों का इस्तेमाल करती है, जैसे बेलुगा व्हेल और सील।
साभार: navbharattimes NEWS
Next Story