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जब आप किसी अपने से गले मिलते हैं तो आपको एक खूबसूरत अनुभव होता है
जब आप किसी अपने से गले मिलते हैं तो आपको एक खूबसूरत अनुभव होता है. इसी तरह जब आप धूप में निकलते हैं तो गर्मी, बर्फ को छूते हैं तो गलन, समंदर किनारे रेत पर नंगे पांव चलते हैं तो एक अलग तरह की गुदगुदी होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि आप ये चीजें क्यों अनुभव करते हैं? इन सवालों का जवाब खोजा है अमेरिका को दो वैज्ञानिकों डेविड जुलियस (David Julius) और आर्डम पातातुतियन (Ardem Patapoutian) ने. उनकी इस विशेष खोज के लिए दोनों को संयुक्त रूप से इस साल का मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.
खोजी जाएगी दर्द की प्रभावी दवा
विज्ञान की भाषा में बात करें तो इन दोनों वैज्ञानिकों ने यह बताया कि कैसे हमारा शरीर फिजिकल सेंसेशन को इलेक्ट्रिक मैसेज के रूप में कंवर्ट करता है, इस चीज को साबित किया. अब आप कहेंगे कि उनकी इस खोज में आखिर क्या खास है. ऐसा इंसान अपनी प्रकृति के कारण महसूस करता है. लेकिन हम आपको बताते हैं कि इन दोनों वैज्ञानिकों की इस खोज से मेडिसिन खासकर बीमारियों के इलाज में एक क्रांति आ सकती है. इस खोज के जरिए वैज्ञानिक हमारे शरीर के किसी खास हिस्से में होने वाले दर्द की दवा खोज सकते हैं. क्योंकि हमें तो यह पता था कि आग को छूने से हमारी उंगलियां जल जाएंगी और उससे हमें दर्द होगा, लेकिन अभी तक हमें यह पता नहीं था कि ऐसा क्यों होता है. इस रहस्य को खोज लिए जाने के बाद हमें दर्द क्यों होता है, जैसे सवाल का जवाब मिल जाएगा. इससे यह भी पता चलेगा कि शरीर के किसी खास हिस्से में होने वाले दर्द के लिए खास तरह की दवा विकसित की जा सकती है.
नोबेल समिति ने क्या कहा
नोबेल समिति के मुताबिक इन वैज्ञानिकों को तापमान और स्पर्श के लिए रिसेप्टर की खोज करने के एवज में यह सम्मान दिया जाएगा. हमारे शरीर में रिसेप्टर वह चीज है जिससे हम तापमान और स्पर्श को महसूस करते हैं. इन दोनों वैज्ञानिकों का अध्ययन सोमैटोसेंसशन क्षेत्र पर आधारित था जो हमारी इंद्रियों जैसे आंख, कान और त्वचा जैसे विशेष अंगों के काम करने की क्षमता से संबंधित हैं. नोबेल समिति के महासचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को इन विजेताओं के नामों की घोषणा की. उन्होंने कहा, ''इससे वास्तव में प्रकृति के रहस्यों में से एक का खुलासा होता है… यह वास्तव में ऐसा कुछ है जो हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए यह एक बहुत ही अहम और गहन खोज है."
नोबेल समिति के पैट्रिक अर्नफोर्स ने कहा, "कल्पना कीजिए कि आप गर्मी के मौसम में किसी दिन सुबह मैदान में नंगे पांव चल रहे हैं… आप सूरज की गर्मी, सुबह की ओस की ठंडक, हवा और अपने पैरों के नीचे घास को महसूस कर सकते हैं. तापमान, स्पर्श और हरकत के ये प्रभाव सोमैटोसेंसेशन पर निर्भर भावनाएं हैं."
मिलेंगे 8 करोड़ से अधिक रुपये
पिछले साल का पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को दिया गया था जिन्होंने लीवर को खराब करने वाले हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज की. वह ऐसी कामयाबी थी, जिससे घातक बीमारी के इलाज का रास्ता खुला और ब्लड बैंकों के माध्यम से इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए परीक्षण किए गए. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 11.4 लाख अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं. भारतीय रुपये में यह राशि 8 करोड़ रुपये से अधिक बैठती है. पुरस्कार की राशि स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से दी जाती है. नोबेल का 1895 में निधन हो गया था. नोबेल पुरस्कार चिकित्सा के अलावा भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिए जाते हैं.
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