x
असांजे के वकीलों का तर्क है कि आत्महत्या की आशंका के कारण उनके मुवक्किल को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए
लंदन, पीटीआइ। लंदन स्थित हाई कोर्ट ने सोमवार को विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति प्रदान कर दी। आस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे अब सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे। 50 वर्षीय असांजे इराक व अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित हजारों गोपनीय दस्तावेज लीक होने के मामले में अमेरिका में वांछित हैं।
असांजे के वकीलों का तर्क है कि आत्महत्या की आशंका के कारण उनके मुवक्किल को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए। पिछले महीने अमेरिकी अधिकारियों ने अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील में जीत हासिल की थी, जिसमें कहा गया था कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण असांजे को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में आश्वासन दिया था कि विकीलीक्स के संस्थापक को उन गंभीर प्रतिबंधात्मक शर्तो का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिनका उनके वकीलों ने हवाला दिया है।
हाई कोर्ट ने दिसंबर में निचली अदालत के फैसले को पलट दिया था और कहा था कि अमेरिका का यह आश्वासन पर्याप्त है कि असांजे के साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा। अब असांजे ने 'सामान्य सार्वजनिक महत्व' के कानून के एक बिंदु के आधार पर हाई कोर्ट से अपने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार हासिल कर लिया है।
इसका प्रत्यर्पण से जुड़े मामलों में दूरगामी परिणाम हो सकता है। यदि असांजे को प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट से अपील करने का अधिकार नहीं मिलता, तो यह मामला अंतिम निर्णय के लिए सीधे ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास चला जाता।
रायल कोर्ट्स आफ जस्टिस के बाहर फैसले पर प्रतिक्रिया देती हुई असांजे की मंगेतर स्टेला मारिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के समुचित आधार हैं। मारिस ने कहा, 'असांजे करीब तीन साल से पीड़ा झेल रहे हैं। बेलमार्श जेल में बंद असांजे दिनोंदिन बीमार होते जा रहे हैं। उन्हें मुक्त किया जाना चाहिए और हमें उम्मीद है कि ऐसा शीघ्र होगा.. हमारी लड़ाई जारी रहेगी।'
Next Story