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पहली बार आमने-सामने आए अमेरिका का एफ-35 और चीन का जे-20

Gulabi Jagat
19 March 2022 2:30 PM GMT
पहली बार आमने-सामने आए अमेरिका का एफ-35 और चीन का जे-20
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अमेरिका का एफ-35 और चीन का जे-20
वाशिंगटन, एजेंसी। दुनिया में पहली बार अमेरिका का लाकहीड मार्टिन एफ 35 और चीन का चेंगदू जे 20 आमने-सामने आ गए थे। खास बात यह है कि दोनों विमान पांचवी पीढ़ी के है। दोनों विमान स्‍टील्‍थ तकनीक से लैस हैं। दोनों ही देश अपने-अपने विमानों पर इतराते हैं। चीन और अमेरिका का दावा है कि उनके विमान दुनिया के किसी भी रडार की पकड़ से बाहर हैं।
1- मिलिट्री वाच मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक जे-20 और एफ-35 काफी नजदीक आ गए थे। हालांकि, जनरल केनेथ विल्सबैक ने कहा कि यह कहना जल्दीबाजी होगी कि चीन और अमेरिका के लड़ाकू विमान उस समय क्या इरादा रखते थे। उन्होंने कहा कि हमने इसे सिर्फ इस प्रतियोगिता को हवाई श्रेष्ठता के रूप में देखा और परखा है। चीन के लड़ाकू विमान को अवाक्स से जानकारी मिल रही थी, जबकि हमारा लड़ाकू विमान अपने ही रडार से उनको देख रहा था। केनेथ ने कहा कि हम इसे पूर्ण रूप से एक मुठभेड़ नहीं मान सकते। उन्‍होंने कहा कि इसके पीछ तर्क यह है कि इस दौरान किसी भी देश के लड़ाकू विमान ने एक दूसरे को धमकाया नहीं था। अलबत्‍ता दोनों लड़ाकू विमान एक दूसरे के काफी करीब पहुंच गए थे।
2- इस दौरान जनरल केनेथ ने चीनी वायु सेना बेड़े के बारे में बताया। केनेथ ने कहा कि चीन का जे-500 अवाक्‍स लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। चीन की हवा से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइलों को जे-500 अवाक्‍स के रडार से नियंत्रित किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि जे-20 की सबसे लंबी दूरी की ज्ञात मिसाइल पीएल-15 है। इसकी रेंज 200 किमी से 500 किमी तक बताई जाती है।
अमेरिकी एफ-35 की खूबियां
1- एफ-35 के शुरुआती माडल की बात करें तो इसने पहली बार 15 दिसंबर 2016 को अपनी उड़ान भरी थी। जुलाई 2015 में अमेरिकी सरकार ने यूएस मरीन के लिए इसकी पहली स्‍क्‍वाड्रन का गठन किया था। इसके बाद अगस्‍त 2016 में यूएस एयरफोर्स में इसकी पहली स्‍क्‍वाड्रन का गठन कर इसको तैनाती के आदेश दिए गए। अमेरिका ने फरवरी 2019 में इस विमान को अपनी नौसेना में भी शामिल किया। मध्‍य पूर्व में इसकी तैनाती की बात करे तो 15 अप्रेल 2019 को यूएई के अल दाफरा एयरबेस पर पहली बार अमेरिका ने इस लड़ाकू विमान को तैनात किया था। इसी दौरान उत्‍तरी इराक में पहली बार आईएस के ठिकानों पर हमले के लिए इसका इस्‍तेमाल किया गया था।
2- एफ-35A लड़ाकू विमान को अमेरिकी कंपनी लाकहिड मार्टिन ने बनाया है। यह एक सिंगल सीट और सिंगल इंजन वाला लड़ाकू विमान है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह विमान किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। पांचवीं पी‍ढ़ी का यह लड़ाकू विमान युद्ध में विभिन्‍न भूमिकाओं में अहम साबित हो सकता है। इसको इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ग्राउंड अटैक के अलावा हवा में भी दुश्‍मन के छक्‍के छुड़ाने में कामयाब हो सकता है। आपको बता दें कि इस विमान को लाकहिड मार्टिन के अलावा कुछ दूसरी कंपनियां भी बनाती हैं जिनमें नॉर्थरॉप ग्रुमन, प्रेट एंड व्‍हाइटने और बीएई सिस्‍टम शामिल है।
3- एफ-35A कंवेंशनल टेकआफ और लैंडिंग कर सकता है। इसके अलावा F-35B शार्ट टेकआफ के अलावा वर्टिकल लैंडिंग कर सकता है। वहीं इसी पंक्ति के F-35C लड़ाकू विमान को खासतौर पर एयरक्राफ्ट करियर की सुविधा के अनुसार बनाया गया है। यह विमान एयरक्राफ्ट करियर पर उतरते और टेकऑफ के समय केटापल्‍ट का इस्‍तेमाल करता है, जो इसको कुछ ही सेकेंड में जबरदस्‍त स्‍पीड देता है। F-35 को दरअसल X-35 की ही तरह डिजाइन किया गया है। यूएस एयरफोर्स में इसको पेंथर के नाम से भी जाना जाता है।
4- इसकी एक बड़ी खासियत इसका दुश्‍मन के राडार में नहीं आना भी है। इसकी वजह है इसका आकार और इसका फाइबर मैट। इसकी वजह से यह राडार पर गायब हो जाता है। इस तकनीक की वजह से यह संकेतों को अवशोषित कर लेता है। इस जेट में मशीनगन के अलावा हवा से हवा और जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी लगी होती हैं। यह विमान 1930 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इस तरह के एक जेट की कीमत करीब 31 करोड़ रुपये है। यह विमान 910 किलो के छह बम ले जाने में सक्षम है जो दुश्‍मन को बर्बाद कर सकते हैं।
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