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ग्रेट थनबर्ग के साथ दिशा रवि ने शेयर की टूलकिट, कोर्ट मे किया गया पेश

Kajal Dubey
14 Feb 2021 1:29 PM GMT
ग्रेट थनबर्ग के साथ दिशा रवि ने शेयर की टूलकिट, कोर्ट मे किया गया पेश
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किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में एक जलवायु कार्यकर्ता को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है।

किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में एक जलवायु कार्यकर्ता को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिशा रवि (21) को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के दल ने शनिवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दिशा को रविवार को कोर्ट के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। दिशा रवि ने ग्रेट थनबर्ग के सात टूलकिट को शेयर की थी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रवि को पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया गया और बाद में टूलकिट बनाने एवं उसके प्रसार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया। रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं और वह 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं।
दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त जनसपंर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने एक बयान में कहा, टूलकिट दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं।
अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है। साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से 'टूलकिट बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था। जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह 'टूलकिट ट्विटर पर साझा की थी।
टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। दिल्ली पुलिस के 'साइबर प्रकोष्ठ ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लक्ष्य से 'टूलकिट के 'खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ चार फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी।
अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, राजद्रोह और अन्य आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा सहित पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रमों पर ध्यान देने पर पता चला है कि 'टूलकिट में बतायी गई योजना का अक्षरश: क्रियान्वयन किया गया है। इसका लक्ष्य ''भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ना है।
पुलिस के अनुसार, टूलकिट में एक खंड है, जिसमें कहा गया है.... 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों। पुलिस ने बताया कि दस्तावेज 'टूलकिट का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है।


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