नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट सेंटर) के नेता पुष्प कमल दहल ने अपनी जानी-पहचानी स्टाइल के मुताबिक एक बार फिर अचानक ऐसा प्रस्ताव रख दिया है, जिससे नेपाल के सियासी हलकों में हलचल पैदा हो गई है। गुरुवार को उन्होंने अचानक ये पेशकश कर दी कि देश में संघीय चुनाव अप्रैल-मई में कराए जाएं। नेपाल के निर्वाचन आयोग ने अप्रैल-मई में स्थानीय चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा हुआ है। नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन के भीतर इस मुद्दे पर बहस होती रही है कि उस समय पर स्थानीय चुनाव कराए जाएं या नहीं। जबकि दहल ने अब एक नया पासा फेंक दिया है। दहल की माओइस्ट सेंटर पार्टी भी सत्ताधारी गठबंधन में शामिल है।
गुरुवार को दिए एक इंटरव्यू में दहल ने कहा कि संघीय चुनाव अप्रैल-मई में कराए जाएं और स्थानीय चुनावों को इसके बाद- अक्तूबर-नवंबर तक कराया जाए। दहल ने ये दावा भी किया कि बीते मंगलवार को जब सत्ताधारी गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक हुई थी, तब उन्होंने अपना ये प्रस्ताव वहां रखा था। ये बैठक चुनाव की तारीखों पर विचार करने के लिए ही हुई थी
दहल ने कहा- 'हम विपक्ष के नेता केपी शर्मा ओली से कहते रहे हैं कि वे सदन को अगले छह महीनों तक ठीक से चलने दें। लेकिन विपक्ष ने सदन में बाधा डालने की नीति अपना रखी है। ये स्थिति लोकतंत्र और संविधान के लिए विनाशकारी है।' दहल ने कहा कि इसी वजह से उन्होंने संघीय संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा का चुनाव पहले कराना जरूरी हो गया है।
पर्यवेक्षकों के मुताबिक ये बात ठीक है कि ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) ने सदन को न चलने देने की रणनीति अपनाई हुई है। लेकिन इस समस्या का समाधान अप्रैल-मई में संसदीय चुनाव कराना है, इसको लेकर विश्लेषक एकमत नहीं हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया है कि नेपाली कांग्रेस जल्द संसदीय चुनाव कराने के बिल्कुल खिलाफ है। एक वेबसाइट पर दहल का इंटरव्यू छपने के बाद नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने एक ट्वीट में कहा- हमने जो संविधान तैयार किया है, उसमें स्थानीय स्तर पर वैक्यूम (खालीपन) की कोई कल्पना नहीं की गई है। इसलिए कोई भी कदम ऐसा होना चाहिए, जिससे स्थानीय स्तर पर खालीपन पैदा ना हो।
इस बीच राजनीतिक सूत्रों ने मीडिया से बातचीत में पुष्टि की है कि दहल ने सचमुच मंगलवार की बैठक में ये प्रस्ताव रखा था। तब उस बैठक में मौजूद नेताओं ने इस पर चर्चा के लिए गुरुवार को फिर बैठक करने का फैसला किया। लेकिन गुरुवार की बैठक स्थगित कर दी गई।
खबरों के मुताबिक गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, दहल और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के नेता माधव कुमार नेपाल आपस में मिले। नेपाली कांग्रेस के एक नेता ने अखबार काठमांडू पोस्ट को बताया- 'तीनों नेताओं ने अप्रैल-मई में संसदीय चुनाव कराने पर विचार किया। देउबा अभी तक इस राजी नहीं हैं, लेकिन वे इस विचार के बिल्कुल खिलाफ भी नहीं हैं। इस बारे में अभी और चर्चा होगी।'