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धरती पर डायनासोर? सामने आया ये वीडियो

jantaserishta.com
10 Dec 2022 5:36 AM GMT
धरती पर डायनासोर? सामने आया ये वीडियो
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

देखें वीडियो।
मेक्सिको सिटी: ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दिख रहा है कि मेक्सिको के एक जंगल में किसी छोटी नदी के एक तरफ से दूसरी तरफ डायनासोर जा रहे हैं. ये समूह में है. कई सारे. जंगल से निकल कर नदी की एक तरफ से दूसरी तरफ भागते दिख रहे हैं. इन डायनासोरों में कुछ छोटे हैं तो कुछ बड़े आकार के.
वीडियो में यह बात स्पष्ट नहीं हो रही है कि इनका रंग क्या है. लेकिन ये गाढ़े भूरे और काले रंग के दिखाई दे रहे हैं. इनमें से कुछ की लंबी गर्दन है. कुछ की छोटी. मजबूत पीठ है और पिछला हिस्से में पूंछ नहीं है. इनमे से कुछ तो बेहद तेजी से भागते दिख रहे हैं. कुछ बुजुर्गों की तरह समूह की निगरानी करते दिख रहे हैं. जैसे वो समूह को रास्ता दिखा रहे हैं.
असल में ये नेवले जैसे जीव हैं. जो उलटा चलने की महारत हासिल रखते हैं. वो भी पूरी तेजी से. इनका नाम है कोएटिस या कोएटिमुंडिस (Coatis or Coatimundis). ये दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको और दक्षिण-पश्चिम अमेरिका में पाए जाते हैं. इनका नाम ब्राजील के तुपियन भाषा से लिया गया है. ये जीव 13 से 27 इंच लंबे होते हैं.
इनकी पूंछ इनके शरीर से ज्यादा बड़ी या बराबर आकार की होती है. इनका वजन 2 से 8 किलोग्राम होता है. नर कोएटिस आकार में मादा से दोगुने बड़े होते हैं. इनका शरीर बेहद लचीला, हल्का, तेज दौड़ने वाला होता है. इनकी काबिलियत ये है कि बिना पीछे देखे अपनी पूंछ हवा में लहराते हुए तेज से भाग सकते हैं. इनके पंजे भालू और रकून की तरह होते हैं. जबकि मुंह सुअर के थूथन की तरह होता है.
कोएटिस जिस तरह से पूंछ उठाकर तेजी से भागता है. उसे दूर से देखने पर आपको यही लगेगा कि डायनासोर चल रहे हैं. ये थोड़ा गर्म इलाकों में रहना पसंद करते हैं. जहां पर ज्यादा नमी होती है. जैसे- एरिजोना, न्यू मेक्सिको, टेक्सास से लेकर उरुग्वे तक. आम तौर पर ये सात साल तक जीते हैं अगर इनका कोई जानवर शिकार न कर ले. या इन्हें कोई बीमारी न हो. अगर इन्हें चिड़ियाघर में रखा जाता है तब ये कम से कम 10 साल तक जी सकते हैं.
कोएटिस मांसाहारी और शाकाहारी दोनों होते हैं. ये जमीन पर पड़ा कचरा, अकशेरुकीय जीव, टैरेंटुला मकड़ी, फल, चिड़ियों के अंडे, छिपकलियां, चूहे आदि भी खा जाते हैं. कई बार तो मगरमच्छ के अंडे भी खा लेते हैं. इनका समूह 25 से उससे कम सदस्यों का होता है. ये जिस भी जगह से निकलते हैं, वहां तेजी से भागते हैं. बहुत शोर मचाते हैं. नर मादाओं के पास तभी जाता है जब उसे प्रजनन करना होता है. या मादा भी उसे तभी बुलाती है.
अगर इन्हें गुस्सा दिलाया जाए या कोई खतरा महसूस होता है तो भयानक लड़ाके बन जाते हैं. अपने नुकीले दांतों से हमला कर देते हैं. पंजों से छील देते हैं. कई बार इनसे डरकर कुत्ते और जगुआर भी भाग जाते हैं. लेकिन इनका शिकार भी होता है. इन्हें सबसे ज्यादा खतरा एनाकोंडा, प्यूमा, भेड़िये, लोमड़ी, कुत्ते, जगुआर जैसे जीवों से रहता है. कई बार बाज या चील भी इनका शिकार कर लेते हैं.
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