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क्या यूरोपीय नेताओं की जासूसी में एंजेला मार्केल समेत डेनमार्क ने की थी अमेरिका की मदद

Apurva Srivastav
31 May 2021 5:01 PM GMT
क्या यूरोपीय नेताओं की जासूसी में एंजेला मार्केल समेत डेनमार्क ने की थी अमेरिका की मदद
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स्वीडन के रक्षा मंत्री ने डेनमार्क से सवाल किया है

स्वीडन के रक्षा मंत्री (Defence Minister of Sweden) ने डेनमार्क (Denmark) से सवाल किया है कि उसे यह स्प्ष्ट करना चाहिए कि उसकी विदेश खुफिया सेवा ने करीब सात साल पहले जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) सहित विभिन्न यूरोपीय नेताओं की जासूसी करने में अमेरिका की कथित रूप से मदद क्यों की. रक्षा मंत्री पीटर हकविस्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि चीजें स्पष्ट हों. उन्होंने कहा कि सहयोगियों की जासूसी अस्वीकार्य है.

वहीं, डेनमार्क सरकार का समर्थन कर रही वामपंथी सोशलिस्ट पीपुल्स पार्टी के सांसद कर्स्टन होन्गे ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले के बारे में संसद में देश के रक्षा और न्याय मंत्रियों से सवाल करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि डेनमार्क अमेरिकी खुफिया सेवा के लिए इच्छुक सहायक के रूप में कैसे काम कर रहा है और डेनमार्क के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग के लिए इसका क्या अर्थ होगा
ऑपरेशन डनहैमर' था गठजोड़ का नाम
डेनमार्क के प्रसारक डीआर ने रविवार को कहा था कि देश की रक्षा खुफिया सेवा ने 2014 में एक आंतरिक जांच की थी कि क्या अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने डेनमार्क और पड़ोसी देशों के खिलाफ जासूसी करने के लिए उसका सहयोग लिया था.
जांच के नतीजे में कहा गया कि एनएसए ने जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और नॉर्वे में राजनीतिक दलों के नेताओं और अधिकारियों की जासूसी की थी. डीआर के अनुसार अमेरिका और डेनमार्क के इस कथित गठजोड़ को 'ऑपरेशन डनहैमर' कूट नाम दिया गया था.
यूरोपीय नेताओं ने किया था WHO का समर्थन
बता दें कि कुछ दिनों पहले फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल समेत कई नेताओं ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में विश्व की क्षमता और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को मजबूत करने के प्रयासों का समर्थन किया था. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी वार्षिक सभा में एक मसौदा प्रस्ताव पेश करके कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए गए कदमों में 'गंभीर कमियों' को स्वीकार किया था.


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