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उसमें सुधार करने और अपने दुश्मनों को आगाह करने के लिए यह निर्णय लिया.
चीन के बाद अब उत्तर कोरिया ने भी अमेरिका को खुली चुनौती दी है. उत्तरी कोरिया ने कहा है कि हाल में किए गए उसके कई सारे बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट दक्षिण कोरिया और अमेरिका के लिए ''एक स्पष्ट चेतावनी'' थे. उत्तर कोरिया की आधिकारिक 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने सोमवार को बताया कि देश के नेता किम जोंग-उन ने आने वाले दिनों में और परीक्षण करने के संकेत भी दिए हैं.
परमाणु ताकत दिखाना चाहता है उत्तरी कोरिया
'केसीएनए' के अनुसार, किम ने कहा कि यह सभी प्रक्षेपण दक्षिण कोरिया और अमेरिका को उत्तर कोरिया के रुख और उसकी परमाणु व हमले की क्षमताओं के बारे में बताने के लिए किए गए थे. एक्सपर्ट इसे उत्तर कोरिया के सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर इस बयान को जारी करने का मकसद किम के प्रति जन एकता को मजबूत करने का एक प्रयास भी बता रहे हैं. दरअसल, किम जोंग-उन इस समय वैश्विक महामारी से उत्पन्न आर्थिक पेरशानियों और अमेरिका-दक्षिण कोरियाई सैन्य गठबंधन के कारण सुरक्षा चिंताओं का सामना कर रहे हैं.
'किसी को भी किसी भी समय निशाना बनाने को तैयार'
'केसीएनए' के मुताबिक, 'सात बार बिलैस्टिक मिसाइलों की लॉन्चिंग वास्तव में उसके युद्ध करने की क्षमता को दिखाती है. उसके परमाणु हथियार किसी भी समय, किसी भी स्थान पर किसी को भी निशाना बनाने को तैयार हैं.' इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 'मिसाइल परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेनाओं के नौसैनिक अभ्यास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई है. बताया गया है कि अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सैन्य बलों के नौसेनिक अभ्यास में परमाणु शक्ति युक्त विमानवाहक पोत 'यूएसएस रोनाल्ड रीगन' भी शामिल है. ऐसे में अभ्यास को एक सैन्य खतरा मानते हुए उत्तर कोरिया ने अपनी युद्ध क्षमताओं को परखने, उसमें सुधार करने और अपने दुश्मनों को आगाह करने के लिए यह निर्णय लिया.
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