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यानी किम की बहन को लेकर अभी संशय की स्थिति है।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने देश की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा फेरबदल करते हुए नया सेकेंड-इन-कमांड का पद बनाया है। सीएनएन के मुताबिक सरकारी दस्तावेजों में यह नया पद जनवरी में बनाया गया, जिसका मकसद उनकी वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के नियमों की समीक्षा करना है। हालांकि अभी इस बात का पता नहीं चला है कि इस पद पर किसको बिठाया गया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस पद पर जो योंग-वॉन या किम टोक-हुन को बिठाया जा सकता है। 60 वर्षीय वॉन किम जोंग के सर्वाधिक विश्वासपात्र हैं और पार्टी की केंद्रीय समिति के सचिव भी रह चुके हैं जबकि किम टोक उत्तर कोरियाई सरकार के प्रीमियर भी हैं।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक जो और किम ने बैठक की अध्यक्षता की और इस वर्ष देश का दौरा भी किया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की पोलित ब्यूरो स्थायी समिति का कोई अन्य सदस्य भी इस पद पर बिठाया जा सकता है।
किम की बहन को लेकर संशय
क्यूंग्नाम यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज के प्रोफेसर लिम उल चुल के मुताबिक इसका एक अर्थ ये भी है कि किम की बहन किम यो जोंग इस पद के लिए सही उम्मीदवार नहीं हैं। जानकारों के मुताबिक किम का प्रभाव देश के सेकेंड इन कमांड के मुकाबले अधिक है। इसलिए वो इस पद पर काबिज नहीं होंगी। यानी किम की बहन को लेकर अभी संशय की स्थिति है।
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