विश्व

इस ग्रह पर होती है हीरे की बारिश, वैज्ञानिकों ने बताया इंसान जा सकते हैं या नहीं

Gulabi
6 March 2021 4:13 PM GMT
इस ग्रह पर होती है हीरे की बारिश, वैज्ञानिकों ने बताया इंसान जा सकते हैं या नहीं
x
हमारा सौर मंडल कई रहस्यों से भरा पड़ा है, लेकिन

हमारा सौर मंडल कई रहस्यों से भरा पड़ा है, लेकिन इंसान केवल अभी तक केवल नौ ग्रहों के बारे में ही जान पाया है. इसी जानकारी के मुताबिक चार ऐसे ग्रह है. जिन्हें हम 'गैस दानव' कहते हैं क्योंकि वहां मिटटी-पत्थर के बजाय अधिकतर गैस हैं.

वरुण ग्रह (नेपच्यून) भी इन्हीं ग्रहों में से एक है. ये हमारे सौरमंडल का पहला ऐसा ग्रह था, जिसकी जानकारी उसे देखे बिना की गई थी. कहने का मतलब है इसकी खोज गणित के अध्ययन से की गई थी.
नेपच्यून प्राचीन रोमन धर्म में समुद्र के देवता थे. ठीक यही स्थान भारत में वरुण देवता का रहा है, इसलिए इस ग्रह को हिंदी में वरुण कहा जाता है. वरुण ग्रह पर जमी हुई मीथेन गैस के बादल उड़ते हैं और यहां हवाओं की रफ्तार सौरमंडल के दूसरे किसी भी ग्रह से काफी ज्यादा है.
इस ग्रह को लेकर वैज्ञानिक दावा करते हैं कि यहां हीरे की बारिश भी होती है. साइंटिस्ट्स का कहना है कि इन दोनों प्लैनट्स के अंदरूनी भागों में एट्मॉस्फियरिक प्रेशर बहुत ज्यादा होता है, जिसकी वजह से हाइड्रोजन और कार्बन के बॉन्ड टूट जाते हैं. इसी वजह से इन प्लैनेट्स हीरों की बरसात होती है.
अगर इंसान कभी इस ग्रह पर पहुंच भी जाए तो इन हीरों को बटोर नहीं पाएगा, क्योंकि इस ग्रह पर तापमान शून्य से माइनस 200 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. इतने कम तापमान पर इंसान ऐसा जमेगा कि फिर वो खुद एक पत्थर बन जाएगा.


Next Story