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पीएम मोदी का पुतला फूंकने पर देउबा सरकार हुए सख्त, कहा- 'ना करें ऐसी शर्मनाक हरकत'

Admin4
5 Sep 2021 2:31 PM GMT
पीएम मोदी का पुतला फूंकने पर देउबा सरकार हुए सख्त, कहा- ना करें ऐसी शर्मनाक हरकत
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नेपाल सरकार ने रविवार को अपने नागरिकों को चेतावनी जारी करते हुए.

नेपाल सरकार ने रविवार को अपने नागरिकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वे ऐसी कोई भी शर्मनाक हरकत न करें, जिससे मित्र देशों से संबंध पर असर पड़े। नेपाल की शेर बहादुर देउबा सरकार की ओर से यह बयान उस घटना के बाद आया है, जिसमें नेपाल में कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जला दिया था।

नेपाल के गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "बीते कुछ दिनों में नारेबाजी, प्रदर्शनों और पुतलों को जलाने की गतिविधियों से पड़ोसी मित्र देश के प्रधानमंत्री की छवि को जो चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, उस पर हमारी नजर है।" गृह मंत्रालय ने सीधे तौर पर लोगों के निशाने पर आए नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन उसकी तरफ से नागरिकों को ऐसी निंदनीय और शर्मनाक हरकतों से बचने की सख्त चेतावनी दी गई। गृह मंत्रालय ने कहा कि मित्र देशों को निशाना बनाकर की जाने वाली किसी भी गतिविधि पर नियंत्रण के लिए आगे कार्रवाई की जाएगी और ऐसी गैरकानूनी घटनाओं में शामिल लोगों को सजा दी जाएगी।
क्यों हो रहा नेपाल में भारत के खिलाफ प्रदर्शन?
बता दें कि भारत के धारचूला के गस्कू में अवैध तरीके से प्रवेश की कोशिश कर रहे नेपाली युवक जय सिंह धामी की 30 जुलाई को महाकाली नदी में गिरने से मौत हो गई थी। नेपाल में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि युवक की मौत के लिए भारतीय सुरक्षाबल जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि जब तार के सहारे युवक नदी पार कर रहा था तो एसएसबी ने तार काट दिया था। हालांकि, एसएसबी ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया।
नेपाल में सत्ता में शामिल कम्युनिस्ट पार्टी के यूथ विंग और स्टूडेंट विंग के लोग विरोध कर रहे हैं और भारत के पीएम का पुतला जला रहे हैं। इसी को लेकर नेपाल के गृह मंत्रालय ने सख्त बयान जारी किया।
देउबा सरकार ने कहा कि हम अपने मित्र देशों के साथ मित्रता वाले रिश्ते रखना चाहते हैं और इसलिए हम ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए तैयार हैं, जो हमारे मित्र देशों के सम्मान को चोट पहुंचाती हों। नेपाल की पुरानी परंपरा रही है कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक जरियों और आपसी बातचीत कर मुद्दे सुलझाता है। आगे भी यही परंपरा जारी रहेगी।
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