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चीन में टीकाकरण की रिकॉर्ड रफ्तार के बावजूद संक्रमण से मुक्ति नहीं

Deepa Sahu
19 Jun 2021 2:15 PM GMT
चीन में टीकाकरण की रिकॉर्ड रफ्तार के बावजूद संक्रमण से मुक्ति नहीं
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अगले कुछ दिन के अंदर चीन अपने यहां कोरोना वैक्सीन के एक अरबवां डोज लगाएगा।

अगले कुछ दिन के अंदर चीन अपने यहां कोरोना वैक्सीन के एक अरबवां डोज लगाएगा। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन के एक विश्लेषण में कहा गया है कि जिस रफ्तार से और जिस पैमाने पर चीन ने ये काम किया है, उसका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बीते बुधवार तक चीन में साढ़े 94 करोड़ वैक्सीन डोज लगाए जा चुके थे। उस रोज तक पूरी दुनिया में ढाई अरब डोज लगे थे। यानी दुनिया में जितना कुल टीकाकरण हुआ है, उसका 40 फीसदी हिस्सा अकेले चीन में हुआ है।

चीन में टीकाकरण की शुरुआत धीमी गति से हुई थी। बीते 27 मार्च को वहां लगाए गए डोज की संख्या दस लाख पहुंची। अमेरिका में उसके दो हफ्ते पहले ही इतने टीके लगाए जा चुके थे। लेकिन मई आते-आते चीन ने टीकाकरण की रफ्तार बहुत तेज कर दी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले सिर्फ एक महीने में वहां 50 करोड़ डोज लगाए गए हैं। बीते मंगलवार को वहां एक दिन में दो करोड़ लोगों का टीकाकरण हुआ। आयोग के मुताबिक इस महीने के आखिर तक चीन की 40 फीसदी आबादी को टीके के दोनों डोज लग जाएंगे।
शुरुआत में चीन में एक अरब 40 करोड़ लोगों को टीका लगाना, एक बेहद मुश्किल काम समझा जा रहा था। चीन ने कोरोना महामारी की पहली लहर को जल्दी संभाल लिया था। इसलिए शुरुआत में टीकाकरण की गति तेज करने की जरूरत नहीं समझी गई। लेकिन जब देश में कई जगहों पर फिर से कोरोना संक्रमण के छिटपुट मामले सामने आने लगे, तो चीन सरकार ने इसमें अपनी ताकत झोंकी
हाल में चीन के ग्वांगदोंग, अनहुई और लिआओनिंग प्रांतों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। उसे देखते हुए लोगों में जल्दी टीका लगवाने की होड़ लगी है। उधर चीन सरकार ने अपनी पूरी नौकरशाही को इस काम में लगा दिया है। देशभर में टीका लगाने योग्य हर व्यक्ति को टीका लगाने की एक जबरदस्त मुहिम छेड़ी गई है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस काम में सख्ती और प्रोत्साहन दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मसलन, कई जगहों पर लगाए टीका शिविरों में आकर वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को गिफ्ट वाउचर दिए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर रोजमर्रा की जरूरत की चीजें या आइसक्रीम मुफ्त में दिए जा रही है।
उधर कंपनियों में कर्मचारियों से कहा गया है कि वे टीका लगवाने के बाद ही ड्यूटी पर आ सकते हैं। कई जगहों पर रेजिडेंशियल सोसायटीज ने ये नियम बना दिया है कि टीका ना लगवाने वाले निवासियों को अंदर नहीं घुसने दिया जाएगा। शंघाई के मॉल में एक बोर्ड लगा देखा गया, जिस पर लिखा था कि सिर्फ टीका लगवाने का प्रमाण दिखाने वाले लोगों को ही एंट्री दी जाएगी।
तेज गति से टीकाकरण के बावजूद दक्षिणी चीन में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इसका असर वहां के बंदरगाहों से चीजों की आवाजाही पर पड़ रहा है। ग्वांगदोंग प्रांत में बंदरगाह वाले कुछ शहरों में हाल में लॉकडाउन लागू किया गया, जिसकी वजह से बंदरगाहों पर काम ठहर गया। अब वहां संक्रमण काबू में है, लेकिन खबरों के मुताबिक बंदरगाहों पर अभी भी पूरी क्षमता से काम नहीं हो रहा है। इसका असर कई पश्चिमी देशों को होने वाली वस्तुओं की सप्लाई पर पड़ने का अंदेशा है। जहाज मालिकों के संघ बिमको में शिपिंग एनालिस्ट पीटर सैंड ने सीएनएन से कहा कि बंदरगाहों पर कामकाज में इस ताजा बाधा का असर दुनिया के सप्लाई चेन पर पड़ सकता है, जो पहले ही समस्याग्रस्त है। अगर ये रुकावट देर तक जारी रही, तो पश्चिमी देशों में इस साल क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान कई चीजों की कमी महसूस की जाएगी।


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