विरोध के बावजूद, इमरान ने दिया गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने की घोषणा किया
विरोध के बावजूद, इमरान ने दिया गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने की घोषणा किया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति बदलने को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जारी विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को इन इलाकों को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने की घोषणा कर दी। जियो न्यूज ने यह जानकारी दी।
इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान कहा, 'मेरे गिलगित-बाल्टिस्तान आने के कारणों में से एक यह घोषणा करना है कि हमने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांतीय दर्जा देने का फैसला किया है।'
सऊदी अरब ने नक्शे से हटाया था
पाकिस्तान की तरफ से यह कदम तब उठाया गया है जब सऊदी अरब ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से हटा दिया था। लंबे समय से गिलगित बाल्टिस्तान के मुद्दे पर इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इमरान के इस फैसले के बाद यहां बड़े पैमाने पर आक्रोश फैलने की आशंका है।
8 अक्तूबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद शहर में, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत बनाने के सरकार के फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था।
राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे खुद को बलिदान कर देंगे लेकिन पाकिस्तान को क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नहीं करने देंगे। अन्य पाकिस्तानी शहरों में रहने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने भी इस्लामाबाद के मनमाने फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
2009 के आदेश से स्वशासन
बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान को पहले उत्तरी क्षेत्रों के रूप में जाना जाता था। इसे 'गिलगित-बाल्टिस्तान सशक्तीकरण और 2009 के स्व-शासन आदेश' द्वारा शासित किया गया है। इससे चुनावी ढांचा स्थापित किया गया। इस क्षेत्र में चुनाव उस आदेश के तहत हुए हैं जो केवल सीमित स्वायत्तता प्रदान करता है।
कार्यकर्ताओं व नेताओं से क्रूर व्यवहार
लोगों ने पाकिस्तान पर इस क्षेत्र के संसाधनों का व्यवस्थित रूप से दोहन करने और उनके साथ कोई लाभांश साझा नहीं करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इसका विरोध करने पर कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ क्रूर व्यवहार किया जाता है। अक्सर ही उन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया जाता है।