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भारत के विरोध के बावजूद चीन ने दी ब्रह्मपुत्र नदी में बाँध बनाने की अनुमति

Admin4
12 March 2021 6:07 PM GMT
भारत के विरोध के बावजूद चीन ने दी ब्रह्मपुत्र नदी में बाँध बनाने की अनुमति
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क्वाड (QUAD) की बैठक से ठीक पहले एक बार फिर चीन (China) ने अपनी पुरानी चाल चलते हुए भारत (India) को उकसाने की कोशिश की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क्वाड (QUAD) की बैठक से ठीक पहले एक बार फिर चीन (China) ने अपनी पुरानी चाल चलते हुए भारत (India) को उकसाने की कोशिश की है. भारत के विरोध के बाजवूद चीन की संसद ने ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) पर बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी है. चीन अरुणाचल प्रदेश से सटे तिब्‍बत के इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने की तैयार कर रहा है. पिछले कई महीनों से पूर्वी लद्दाख में जिस तरह से भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई हैं, उसके बाद ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने की तैयारी दोनों देशों के रिश्‍तों को और कमजोर कर सकती है.

चीन अगर ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाता है तो उस पर पूरी तरह से उसका नियंत्रण हो जाएगा. चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जैंगबो नदी कहा जाता है. ये नहीं तिब्‍बत के इलाके के काफी नजदीक से होकर गुजरती है. अरुणाचल प्रदेश में इस नदी को सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है.
हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के नाम पर चीन इस नदी पर जो बांध बनाएगा उससे नदी पर पूरी तरह चीन का नियंत्रण हो जाएगा. चीन ने पहले ही कहा था कि वह ब्रह्मपुत्र नदी पर जिस तरह का हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट तैयार करने की तैयारी कर रहा है वह दुनिया के सबसे बड़े बांधों में से एक होगा.
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध बनाने का असर भारत के साथ ही बांग्‍लादेश पर भी पड़ेगा. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि ब्रह्मपुत्र नदी बांग्‍लादेश में भी बहती है. चीन का ये प्रोजेक्‍ट कभी भी भारत या पड़ोसी देश में बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकता है. ब्रह्मपुत्र नदी के पानी पर चीन का नियंत्रण होने से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा.
क्वाड की बैठक में चीन को घेरने की तैयारी
साउथ चाइना सी में चीन की दादागीरी को रोकने के लिए अमेरिका पूरी तरह से एक्टिव हो गया है. ड्रैगन इस इलाके में अपने पड़ोसी देशों को लगातार धमकाता रहता है. इस बीच भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का गठबंधन क्वाड की भी कुछ दिनों में बैठक होने वाली है. इस बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गठबंधन की मजबूती और अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. दूसरी तरफ, अमेरिका की जो बाइडेन सरकार चीन के खिलाफ लगातार सख्ती दिखा रही है. (एजेंसी इनपुट के साथ)


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