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डिप्टी स्पीकर देंगे इस्तीफा, जल्द ही पीएम महिंदा राजपक्षे भी छोड़ सकते हैं पद

Subhi
8 May 2022 1:10 AM GMT
डिप्टी स्पीकर देंगे इस्तीफा, जल्द ही पीएम महिंदा राजपक्षे भी छोड़ सकते हैं पद
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आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में राजपक्षे सरकार के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच सांसद रंजीत सियामबालापिताया ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। हाल ही में सांसद रंजीत सियामबालापिताया को श्रीलंकाई संसद के डिप्टी स्पीकर पद के लिए चुना गया था।

आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में राजपक्षे सरकार के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों के बीच सांसद रंजीत सियामबालापिताया ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। हाल ही में सांसद रंजीत सियामबालापिताया को श्रीलंकाई संसद के डिप्टी स्पीकर पद के लिए चुना गया था। कोलंबो पेज की रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद रंजीत सियामबालापिताया ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सूचित किया कि वह जल्द से जल्द डिप्टी स्पीकर के पद से इस्तीफा देंगे।

रंजीत सियामबालापिताया ने गुरुवार को संसद में बहुमत से जीत हासिल करते हुए डिप्टी स्पीकर के रूप में दोबारा चुने जाने के 24 घंटे के भीतर यह फैसला लिया है। वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राजनीतिक संकट भी गहराता जा रहा है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पर एक बार फिर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट की विशेष बैठक में राजपक्षे पर फिर से इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।

कैबिनेट की यह विशेष बैठक राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आपातकाल लागू किए जाने से पहले हुई थी। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार आधी रात से आपातकाल घोषित कर दिया। श्रीलंका में एक महीने में दूसरी बार आपातकाल लागू किया गया है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं। विपक्ष समेत प्रदर्शनकारी लगातार प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से इस्तीफा मांग रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस्तीफे से साफ इनकार किया है।

श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने शनिवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि श्रीलंका सरकार ने चल रहे संकट के दौरान भारत द्वारा दी गई लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का इस्तेमाल वाटर कैनन आयात करने के लिए किया। भारतीय दूतावास ने इस बारे में ट्विटर पर एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि भारत की सहायता के इस तरह के उपयोग का सुझाव देने वाली रिपोर्ट्स तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। इस मुद्दे को और स्पष्ट करते हुए भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत द्वारा श्रीलंका को दी गई किसी भी क्रेडिट लाइन के तहत भारत द्वारा किसी भी वॉटर कैनन वाहनों की आपूर्ति नहीं की गई है।

श्रीलंका की पार्टी तमिल नेशनल अलाइंस (टीएनए) के जाफना जिले से सांसद एमए सुमंथिरन ने कहा, वर्तमान राजनीतिक संकट हल कर समावेशी सरकार के गठन के लिए भारत-अमेरिका और अन्य मित्र देशों को शासकों को पद छोड़ने के लिए मनाना चाहिए। वर्तमान आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहराते हुए सुमंथिरन ने कहा, वर्तमान शासकों को सत्ता विपक्ष को सौंप देनी चाहिए। वर्तमान सरकार विफल हो चुकी है। जिन 40 सांसदों ने पाला बदला है, उन्होंने भी माना है कि सरकार नाकाम रही है। वे सरकार का हिस्सा थे। ब्रिटेन से 1948 में आजाद होने वाला श्रीलंका इस समय अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे द्वारा शुक्रवार को देश में एक माह के भीतर दूसरी बार आपातकाल लगाने के फैसले पर यूरोपीय संघ और अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने चिंता जताई है। ईयू ने कहा इस फैसले से कोई हल नहीं निकलने वाला जबकि अमेरिका ने कहा, शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों की आवाज सुननी चाहिए। इस बीच, आपातकाल के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बल प्रयोग को लेकर भी राजनयिकों ने शनिवार को चिंता जताई।

सियासी संकट से जूझ रहे श्रीलंका में एक बार फिर आपातकाल लगाने के बाद राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने अपने भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पर इस्तीफे का दबाव डाला। माना जा रहा है कि महिंदा ने गोतबाया के अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए इस्तीफा देने पर सहमति जताई है।


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