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यही वजह थी कि पाकिस्तानी नौसेना को खराब क्वालिटी के बाद भी उन्हें चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस्लामाबाद: भारत से दुश्मनी मोल लेनी वाली पाकिस्तान की सेना इन दिनों अजीब दुविधा से गुजर रही है और उसके लिए एक तरफ कुंआ तो दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति पैदा हो गई है। एक पाकिस्तान की सेना अपने सदाबहार दोस्त चीन से लगातार फाइटर जेट, ड्रोन, रेडॉर और आर्टिलरी ले रही है, वहीं उसकी अमेरिकी हथियारों पर निर्भरता लगातार बनी हुई है। इसकी वजह यह है कि चीन के हथियार अभी भी उतने विश्वसनीय नहीं हैं जितने कि अमेरिका के। यही वजह है कि पाकिस्तान की अमेरिकी एफ-16 फाइटर जेट पर निर्भरता लगातार बनी हुई है। उधर, अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है जिससे पाकिस्तान के लिए दोनों में संतुलन बैठाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
पाकिस्तान की यह दुविधा कराची में शुरू हुए 11वें अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी में देखने को मिली। इस प्रदर्शनी में चीन की 7 बड़ी कंपनियों ने दुनिया के 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को कई अत्याधुनिक हथियार दिखाए। चीन के इन हथियारों में विंग लूंग ड्रोन, सीएच सीरीज ड्रोन, मल्टी रोल ड्रोन शिप, वाई-9ई ट्रांसपोर्ट प्लेन, वीटी-4 मेन बैटल टैंक, इलेक्ट्रानिक वारफेयर डिफेंस सिस्टम का भी प्रदर्शन किया गया। पाकिस्तान पहले ही बड़े पैमाने पर चीनी हथियारों का इस्तेमाल करता रहा है।
चीन भारत को ध्यान में रखकर पाकिस्तान को हथियार दे रहा
पाकिस्तानी सेना के पास चीन का वीटी-4 टैंक, एसएच-15 होवित्जर तोप, टाइप 054 फ्रीगेट, जेएफ-17 और जे-10 सी फाइटर जेट और जेडडीके-03 अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट शामिल है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पाकिस्तान के रक्षा अधिकारियों के हवाले से दावा किया कि चीन के सैन्य हथियार दुनियाभर में चर्चित हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन भारत को ध्यान में रखकर पाकिस्तान को अपने हथियारों की सप्लाइ कर रहा है। इसके अलावा चीन चाहता है कि पाकिस्तान उसके हथियारों की मदद से सीपीईसी का विरोध कर रहे विद्रोहियों को कुचल दे।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को मिले चीन के हथियार घटिया क्वालिटी के हो सकते हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान के पुराने पड़ते एफ-16 समेत पश्चिमी देशों के अन्य हथियार आज भी भारत के खिलाफ सबसे कारगर हैं। पिछले दिनों खबर आई थी कि पाकिस्तानी नौसेना के चीन में बने 4 जुल्फिकार फ्रीगेट बेकार इलेक्ट्रोनिक्स से लैस थे। यही नहीं उनके इंजन में भी गंभीर कमी थी और हथियार भी सही से काम नहीं कर रहे थे। यही वजह थी कि पाकिस्तानी नौसेना को खराब क्वालिटी के बाद भी उन्हें चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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Neha Dani
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