x
इस कारण एन ग्योसू पर देश को सही आर्थिक रास्ते पर ले जाने की चुनौती होने वाली है.
डेनिस सासयू एन ग्योसू (Denis Sassou Nguesso) एक बार फिर रिपब्लिक ऑफ कांगो (Republic of the Congo) के राष्ट्रपति चुने गए हैं. प्रोविजनल नतीजों के मुताबिक, एन ग्योसू को 88.57 फीसदी वोट मिले हैं. 77 वर्षीय एन ग्योसू पिछले 36 सालों से सत्ता में बने हुए हैं. उन्होंने पहली बार 1979 में सत्ता संभाली थी. इसके बाद 1992 में एन ग्योसू को हार मिली, लेकिन इसके बाद 1997 में उन्होंने फिर से सत्ता में वापसी करी और तब से वह देश के राष्ट्रपति हैं.
देश के गृह मंत्री ने इलेक्टोरल कमीशन के हवाले से चुनावी नतीजों का ऐलान किया. 20 मार्च को विपक्ष द्वारा बैलेट का बहिष्कार करने के बाद एन ग्योसू की जीत लगभग पक्की मानी जा रही थी. पैन-अफ्रीकन यूनियन फॉर सोशल डेमोक्रेसी (UPADS) ने जनवरी में कहा था कि वह रविवार के मतदान में उम्मीदवार नहीं उतारेगी. पार्टी का कहना था कि चुनाव आयोजित करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं और इससे देश में और अधिक विभाजन होंगे.
देश में नहीं है बोलने की आजादी
रिपब्लिक ऑफ कांगों की स्थिति बेहद ही खराब है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश में बोलने की स्वतंत्रता नहीं है और पहली बार में किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के होने की कोई संभावना नहीं है. इस बार चुनाव इसलिए भी फीका पड़ गया क्योंकि एन ग्योसू के मुख्य प्रतिद्वंदी गाय ब्राइस पारफाइट कोलेलास (Guy Brice Parfait Kolelas) का चुनाव से ठीक पहले कोरोना से निधन हो गया.
संविधान में बदलाव कर सत्ता में टिके हैं एन ग्योसू
कांगो में लंबे समय तक चले गृह युद्ध के बाद डेनिस सासयू एन ग्योसू ने 1997 में दोबारा सत्ता हासिल की. 2002 में हुए चुनाव में एक बार फिर वह चुने गए और 2009 में भी ये सिलसिला जारी रहा. ये उनका आखिरी टर्म होने वाला था. लेकिन 2015 में उन्होंने संविधान में बदलाव किया. इसके तहत 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति का राष्ट्रपति बनने पर लगी रोक को हटा दिया गया. उन्होंने दो सात साल के टर्म के बाद आगे राष्ट्रपति नहीं बनने के नियम को भी हटाया और इसकी जगह लगातार तीन बार पांच साल तक राष्ट्रपति बनने का नया नियम बनाया.
देश की अर्थव्यवस्था है चौपट
2014 में तेल की कीमतों में हुई गिरावट के बाद से कांगो की अर्थव्यवस्था संकट का सामना कर रही है. देश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है और कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी ने इस मुसीबत को अधिक बढ़ा दिया है. अर्थव्यवस्था में पिछले साल 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई. लेकिन इस साल एक प्रतिशत से भी कम बढ़ने की उम्मीद है. इस कारण एन ग्योसू पर देश को सही आर्थिक रास्ते पर ले जाने की चुनौती होने वाली है.
Next Story