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प्रदर्शन ने साबित की स्थायी सीट की जरूरत: स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति  

Neha Dani
31 Dec 2021 2:16 AM GMT
प्रदर्शन ने साबित की स्थायी सीट की जरूरत: स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति  
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यह विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए सशक्त आवाज है।

संयुक्त राष्ट्र में देश के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का शानदार प्रदर्शन साबित करता है कि विश्व को इसे वीटो पावर के साथ स्थायी सीट देनी चाहिए।

भारत को 8वीं बार सुरक्षा परिषद में सदस्य चुना गया है। अगस्त से वह इसकी अध्यक्षता कर रहा है। तिरुमूर्ति ने भारत की पहले साल की उपलब्धियों को दिखाने वाला एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें 2021 में 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य और अगस्त में अध्यक्षता के दौरान आतंकवाद रोकने, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, अफगानिस्तान, म्यांमार, अफ्रीका में लोकतंत्र को समर्थन, मध्य पूर्व और पर्यावरण संरक्षण का जिक्र किया गया है।
नरेंद्र मोदी 9 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर हुई उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। पहली बार सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा पर अध्यक्षीय भाषण को अंगीकार किया। प्रधानमंत्री की संयुक्त राष्ट्र की यात्रा और आम सभा में संबोधन इस साल के सर्वोच्च बिंदु हैं। अफगानिस्तान में हालात तेजी से खराब हुए तो भारत की अध्यक्षता में ही सुरक्षा परिषद ने इस पर बिना किसी देरी कार्रवाई की। इसी दौरान सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान पर संकल्प 2593 अंगीकार किया गया, जिसमें अफगानिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उसकी धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए न हो। साथ ही, काबुल सभी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिसमें 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा नामित लोग भी शामिल होंगे।
दुनिया के 16 फीसदी से ज्यादा लोगों का प्रतिनिधि है सबसे बड़ा लोकतंत्र
तिरुमूर्ति ने साथ ही कहा कि सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत सुरक्षा परिषद में दुनिया की 16 फीसदी से ज्यादा आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। यह शांति, सुरक्षा और विकास के लिए बहुपक्षीय व्यवस्था, कानून के शासन और पारदर्शिता का हिमायती है। यह विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए सशक्त आवाज है।

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