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उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट में जारी है प्रदर्शन, जानें क्या है वजह

Apurva Srivastav
10 April 2021 1:29 PM GMT
उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट में जारी है प्रदर्शन, जानें क्या है वजह
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उत्तरी आयरलैंड में हाल के दिनों में बवाल (Protest) मचा हुआ है.

उत्तरी आयरलैंड (Northern Ireland) में हाल के दिनों में बवाल (Protest) मचा हुआ है. युवाओं ने पुलिस पर ईंट, पटाखे और गैसोलीन बम फेंके हैं और कारों एवं बसों को आग के हवाले कर दिया है. वहीं, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों पर रबर बुलेट्स और वाटर कैनन का प्रयोग किया है. हालांकि, शुक्रवार की रात सड़कों पर शांति दिखाई दी. प्रिंस फिलिप के निधन के बाद नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से शांति बरतने की अपील की. लेकिन कुछ युवकों ने पुलिस पर पथराव किया और राजधानी बेलफास्ट (Belfast) में छिटपुट हिंसा की घटनाएं भी देखने को मिली.

ऐसे में सवाल उठता है कि उत्तरी आयरलैंड में ऐसा क्या हुआ है कि लोगों के भीतर इतना गुस्सा भर आया है. दरअसल, इन सबकी वजह ब्रेक्जिट (Brexit) है. ब्रेक्जिट के बाद के व्यापार नियमों और बेलफास्ट की सत्ता साझा करने वाली प्रोटेस्टेंट-कैथोलिक सरकार में दलों के बीच संबंध बिगड़ने से तनाव पैदा हो गया. इसका नतीजा ये हुआ है कि देश में जबरदस्त हिंसा हो रही है. बेलफास्ट की सड़कों पर हो रही हिंसा ने दशकों तक चले कैथोलिक-प्रोटेस्टेंट विवाद की यादों को ताजा कर दिया है. 1998 में शांति समझौता हुआ, लेकिन इसने विवाद को पूरी तरह खत्म नहीं किया. आइए पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार ढंग से समझा जाए.
उत्तरी आयरलैंड में प्रदर्शन (AFP)
उत्तरी आयरलैंड एक अनियंत्रित जगह क्यों हैं?
भौगोलिक रूप से, उत्तरी आयरलैंड आयरलैंड का हिस्सा है. लेकिन राजनीतिक रूप से यह ब्रिटेन का हिस्सा है. लंबे समय तक ब्रिटेन के प्रभुत्व में रहने वाले आयरलैंड को 100 साल पहले उपनिवेशीकरण से आजादी मिली. आयरलैंड की 32 काउंटीज में से 26 रोमन कैथोलिक बहुल देश बन गए. वहीं, आयरलैंड के उत्तरी हिस्से में स्थित छह काउंटीज ब्रिटेन के साथ रहीं. इन हिस्सों में प्रोटेस्टेंट लोग बहुसंख्यक हैं. उत्तरी आयरलैंड के कैथोलिक अल्पसंख्यकों को प्रोटेस्टेंट-संचालित देश में नौकरियों, आवास और अन्य क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ा.
एक कैथोलिक सिविल राइट आंदोलन ने देश में बदलाव की मांग की, लेकिन उन्हें सरकार और पुलिस की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ा. फिर कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट दोनों पक्षों के कुछ लोगों ने सशस्त्र समूहों का गठन किया. दोनों पक्षों ने बमबारी-गोलीबारी की और हिंसा का दौर शुरू हो गया. ब्रिटेन की सेना को 70 की शुरुआत में तैनात किया गया. इसके बाद आयरलैंड समर्थक आयरिश रिपब्लिकन मिलिशिया, उत्तरी आयरलैंड को ब्रिटेन के साथ रखने वाली पैरामिलिट्री और ब्रिटिश सेना के बीच संघर्ष शुरू हो गया. हिंसा का दौर 1998 तक चलता रहा और फिर एक शांति समझौता हुआ.
उत्तरी आयरलैंड में प्रदर्शन (AFP)
ब्रेक्जिट ने कैसे चीजें बिगाड़ीं?
ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद विवाद की जड़ उत्तरी आयरलैंड बन गया. उत्तरी आयरलैंड ब्रिटेन का एकमात्र ऐसा हिस्सा है, जिसकी सीमा यूरोपियन यूनियन में शामिल किसी देश से लगती है. उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड के बीच एक खुली आयरिश सीमा है, जहां स्वतंत्र रूप से लोगों और सामानों की आवाजाही होती है. इस तरह उत्तरी आयरलैंड में रहने वाले लोगों को आयरलैंड और ब्रिटेन दोनों ही अपना घर महसूस होता है.
यूरोपियन यूनियन से बाहर होने पर अब ब्रिटेन में व्यापार पर नए अवरोध और जांच का निर्माण करना पड़ा है. लेकिन ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन ने इस बात पर सहमति जताई कि उत्तरी आयरलैंड की सीमा पर ऐसा नहीं होगा. इसके पीछे की वजह शांति प्रक्रिया है. इसके बाद ब्रिटिश संघवादियों ने चिंता होने लगी कि अगर ऐसा होता है तो उत्तरी आयरलैंड में ब्रिटेन की स्थिति कमजोर हो सकती है. इससे उत्तरी आयरलैंड और आयरलैंड के एक होने का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है.
उत्तरी आयरलैंड में प्रदर्शन (AFP)
हिंसा मुख्य रूप से बेलफास्ट और उत्तरी आयरलैंड के दूसरे शहर लंदनडेरी के आसपास एवं प्रोटेस्टेंट क्षेत्रों में हुई. हालांकि, हिंसा तेजी से कैथोलिक इलाकों में भी फैल गई. 31 दिसंबर को ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से आर्थिक तौर पर अलग होगा. इसके बाद नई व्यापार व्यवस्था उत्तरी आयरलैंड के संघवादियों के लिए एक अड़चन बन गई, जो ब्रिटेन में रहना चाहते हैं. कोरोनावायरस महामारी के चलते कुछ व्यापार परेशानियां देखने को मिलीं.
उत्तरी आयरलैंड के बंदरगाहों पर काम करने वाले सीमा कर्मचारियों को अस्थायी रूप से वापस बुला लिया गया. दरअसल, इन कर्मचारियों को यहां से जाने की धमकियां मिल रही थीं. ब्रेक्जिट के बाद के व्यापार नियमों और बेलफास्ट की सत्ता साझा करने वाली प्रोटेस्टेंट-कैथोलिक सरकार में दलों के बीच संबंध बिगड़ चुके हैं.
ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद उत्तरी आयलैंड की विवादास्पद स्थिति चर्चा में आई है. यहां कुछ लोगों की पहचान ब्रिटिश के रूप में है और वे ब्रिटेन का हिस्सा बने रहना चाहते हैं. वहीं, कुछ लोग खुद को आयरलैंड वासी मानते हैं और वे पड़ोसी आयरलैंड गणराज्य का हिस्सा बनना चाहते हैं जो यूरोपियन यूनियन का सदस्य है. इस वजह से हिंसा हो रही है.


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