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वह नॉर्थ कैरोलिना में पैदा हुए थे और टेक्सास के ह्यूस्टन में रहते थे।
अमेरिका में नस्ली हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। इन अपराधों के खिलाफ शिकागो और न्यूयॉर्क में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। शिकागो के चाइना टाउन स्क्वॉयर में नस्ली भेदभाव और अपराधों के खिलाफ हजारों लोग सड़क पर आ गए।
इन सभी के हाथों में 'स्टॉप एशियन हेट', 'जीरो टॉलरेंस फॉर रेसिज्म' लिखे नारों की तख्तियां लगी हुई थीं। प्रदर्शनकारियों के बीच स्थानीय अधिकारी और पुलिस प्रमुख भी साथ में थे और वे लोगों को घृणा अपराध प्रभावी रूप से रोकने का आश्वासन दे रहे थे।
16 मार्च को अटलांटा में आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी, इनमें से छह एशिायाई मूल की महिला थीं। इसके बाद लगातार कई घटनाएं हुईं। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग सुरक्षा बढ़ाना, नस्ली हिंसा के अपराधों की शिकायत के लिए अलग से वेबसाइट, हिंसा पीड़ित के लिए फंड बनाना, मामलों पर तत्काल कार्रवाई करना थीं।
न्यूयॉर्क में भी नस्ली हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में 25 राज्यों के 60 से ज्यादा शहरों के लोगों का प्रतिनिधित्व था। न्यूयॉर्क में ताजा नस्ली हिंसा के बाद अब तक दस से ज्यादा रैलियां आयोजित की जा चुकी हैं। अमेरिकी पुलिस पर समय-समय पर अश्वेतों को बेवजह निशाना बनाने के आरोप लगते रहते हैं।
फ्लॉयड की मौत से तेज हुआ आंदोलन
गत वर्ष अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई थी। चार हजार अधिक गिरफ्तारी और अरबों डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
व्हाइट हाउस के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन के कारण तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बंकर में जाना पड़ा था। जॉर्ज फ्लॉयड अमेरिका में न्याय और बराबरी मांग के प्रतीक बन गए हैं। 46 साल के अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय के थे। वह नॉर्थ कैरोलिना में पैदा हुए थे और टेक्सास के ह्यूस्टन में रहते थे।
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