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म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बीच आम लोगों का दमन बढ़ता जा रहा है
यंगून: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बीच आम लोगों का दमन बढ़ता जा रहा है. खासकर सैन्य तख्तापलट का विरोध करने सड़कों पर उतर रहे लोग सेना के निशाने पर है. पिछले सप्ताहांत प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से करीब दो दर्जन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, तो मंगलवार को म्यांमार पुलिस ने आम लोगों पर गोलियां बरसाईं. ये गोलीबारी उस समय हुई, जब आसियान देशों के मंत्री म्यांमार के सैन्य नेतृत्व से वार्ता की तैयारी कर रहे हैं.
सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन तेज
म्यांमार (Myanmar) के खिलाफ राजधानी यंगून में लगातार विरोध प्रदर्शन तेज हो रहा है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि देश में जल्द से जल्द लोकतंत्र बहाल किया जाए और हिरासत में लिए गए सभी राजनीतिक व अन्य कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए. रिपोर्ट के मुताबिक ये गोलीबारी केल कस्बे में हुई, जिसमें पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी की और आंसू गैस के गोले छोड़े. बता दें कि पिछले सप्ताहांत गोलीबारी में कम से कम 21 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी.
आसियान देशों के मंत्रियों की बातचीत
यंगून में प्रदर्शन के बीच आसियान देशों के विदेश मंत्री म्यांमार की सैन्य सरकार के साथ बातचीत की तैयारी में लगे हैं, ताकि देश में फिर से लोकतंत्र को स्थापित किया जा सके. म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका समेत प्रमुख देशों ने निंदा की है और सैन्य नेतृत्व में शामिल कई मिलिटरी जनरल पर प्रतिबंध भी लगाए हैं.
म्यांमार में गतिरोध बढ़ा
बता दें कि सेना और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच पहले से जारी गतिरोध के बीच हिंसा से तनाव और बढ़ गया है. प्रदर्शनकारी आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को फिर से सत्ता में बहाल करने की मांग कर रहे हैं. सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट (Coup) कर सू ची और अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. म्यांमार (Myanmar) के सैन्य नेतृत्व में काम कर रही प्रादेशिक काउंसिल तीन मौलिक कानूनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर चुकी है. इसमें व्यक्तिगत सुरक्षा और स्वतंत्रता से संबंधित कानून की धारा 5, 7 और 8 भी शामिल है. सेना ने पिछले साल के चुनाव में धांधली का आरोप लगातार चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया है.
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