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सूडान में सेना ने किया तख्तापलट
म्यांमार के बाद सूडान में भी लोकतंत्र संकट में है। सेना ने सूडान की अंतरिम सरकार का तख्ता पलट कर देश की कमान अपने हाथ ले ली है। सेना ने देश में आपातकाल का एलान करते हुए प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। सेना की इस कार्रवाई के विरोध में राजधानी खार्तूम में जबरदस्त आक्रोश है। सूडान की राजधानी खार्तूम में सेना और अर्धसैनिक बल तैनात हैं। खार्तूम हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है। सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को स्थगित कर दिया गया है। लोगों की आवाजाही को सीमित कर दिया गया है।
राजधानी खार्तूम में जबरदस्त आक्रोश, सड़क पर उतरे लोग
सेना की इस कार्रवाई के विरोध में राजधानी खार्तूम में जबरदस्त आक्रोश है। सेना के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन जारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी खार्तूम में सेना ने गोलियां चलाई हैं। हालांकि, इससे कोई हताहत हुआ है या नहीं इसकी खबर नहीं है। प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में प्रदर्शनकारी सेना मुख्यालय के करीब जाते देखे जा रहे हैं। नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई प्रमुख मार्गों को बंद कर दिए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए हम अपनी जान देने को तैयार हैं।
सूचना मंत्रालय ने तख्तापलट की जानकारी साझा की
सूडान के सूचना मंत्रालय ने गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने और सरकार का तख्ता पलटने की कोशिशों को रोकने की अपील की थी। इसके बाद सेना ने देश के सरकारी टीवी और रेडियो के मुख्यालय को भी अपने कब्जे में ले लिया है। सूचना मंत्रालय ने अपने फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी साझा की। देश के सूचना मंत्रालय ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया है कि देश एक पूर्ण सैन्य तख्तापलट का सामना कर रहा है। हम लोगों से सेना के हस्तक्षेप को रोकने की अपील करते हैं।
जनरल बुरहान ने तख्तापलट के बाद देश को किया संबोधित
सूडान में अंतरिम सरकार चलाने वाली परिषद के प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल बुरहान ने तख्तापलट के बाद देश को संबोधित किया। बुरहान ने सेना की कार्रवाई के लिए राजनीतिक स्तर पर जारी संघर्ष को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने सेना और नागरिक प्रतिनिधियों के बीच सत्ता की साझेदारी के समझौते को तोड़ने का एलान किया। उन्होंने मंत्रिमंडल भंग करने का भी एलान किया। बुरहान ने देश में दस फैसलों की घोषणा करते हुए कहा कि जूबा में अक्टूबर 2020 में सूडान ने जिस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और जो वादे किए थे, वो इन फैसलों के बाहर रहेंगे।
लंबे समय से सेना और सरकार में जारी था गतिरोध
गौरतलब है कि सूडान में लंबे वक्त से उमर अल बशीर को दो वर्ष पूर्व सत्ता से हटाए जाने के बाद एक अंतरिम सरकार अस्तित्व में आई थी। तब से सेना और सरकार के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। खास बात यह है कि सूडान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसे काफी मदद मिल रही थी, लेकिन तख्तापलट के बाद इस मदद पर रोक लग सकती है। अगर ऐसा हुआ तो सूडान की माली हालत काफी खराब हो जाएगी।
म्यांमार में सेना ने किया तख्तापलट
फरवरी, 2021 में म्यांमार में सेना ने तख्तापलट की कार्रवाई की थी। तख्तापलट के बाद म्यांमार की सेना देश की नेता आंग सान सूची को नजरबंद कर दिया था। सेना ने उप पर कई आरोप लगाए हैं। एक फरवरी को सेना के सत्ता अपने हाथों में लेने के बाद से न तो आंग सान सू ची की तरफ से और न ही राष्ट्रपति विन मिन की तरफ से कोई बयान आया है और न ही उन्हें सार्वजनिक तौर पर कहीं देखा गया है। आंग सान सू ची पर आयात निर्यात के नियमों के उल्लंघन करने और गैर कानूनी ढंग से दूरसंचार यंत्र रखने के आरोप लगाए गए हैं।
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