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यह अधिक गंभीर रोग करने में सक्षम है तथा वैक्सीन की एक खुराक इस पर बेअसर हो सकती है.
श्रीलंका (Sri Lanka) में 45 और लोगों के कोरोनावायरस (Coronavirus) से जान गंवाने के बाद मृतकों की संख्या 3000 के पार चली गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोलंबो में बुधवार को यह जानकारी दी. देश में अब तक महामारी के 2,57,000 से अधिक मामले आ चुके हैं और मंगलवार तक 2,23,400 लोग संक्रमण मुक्त हो गए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि करीब 27 लाख लोगों ने कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की पहली खुराक ले ली है, जिसमें करीब पांच लाख लोगों ने दूसरी खुराक भी ले ली है.
देश में वैक्सीन लगने की शुरुआत भारत से उपहार के तौर पर मिले कोविशील्ड-एस्ट्राजेनेका (Covishield-Astrazeneca) वैक्सीन से हुई थी. द्वीपीय देश ने मुख्यत: चीन (China) से वैक्सीनों का आयात किया और रूस से स्पूतनिक वी (Sputnik V) वैक्सीन भी मंगाए. अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने फाइजर (Pfizer) वैक्सीनों का ऑर्डर दिया है जबकि WHO की कोवैक्स सुविधा के तहत मॉर्डना वैक्सीनों की खेप मिलने की संभावना है. श्रीलंका ने वैक्सीन खरीदने के लिए एशियाई विकास बैंक से 15 करोड़ डॉलर का कर्ज लेने का फैसला किया है.
श्रीलंका में मिला कोरोना का डेल्टा वेरिएंट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार से संबंधित इलाकों के चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में घर पर कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बंदोबस्त करने शुरू कर दिए हैं. घर पर इलाज के संबंध में एक हॉटलाइन खोली गयी है. इससे पहले, श्रीलंका में अधिकारियों ने कहा कि देश में समुदाय के भीतर कोरोनावायरस का बेहद संक्रामक डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) पहली बार पाया गया. श्री जयवर्धनपुरा यूनिवर्सिटी में इम्युनोलॉजी एवं मॉलिक्यूलर मेडिसीन विभाग में एलर्जी इम्युनोलॉजी एवं सेल बायोलॉजी इकाई की निदेशक डॉ. चंदिमा जीवंदरा ने बताया कि वायरस का यह स्वरूप कोलंबो के उपनगर देमातागौड़ा के इलाके से लिए गए नमूनों में पाया गया.
अल्फा वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है डेल्टा वेरिएंट
डॉ. चंदिमा जीवंदरा ने बताया, हमने देमातागौड़ा से आठ नमूने लिए थे जिनमें पांच कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाए गए. अलग-अलग पीसीआर जांच किट के जरिए हम वायरस के अलग-अलग वेरिएंट्स पर लगातार नजर रखते हैं. यह पहली बार है जब समुदाय में कोरोना का यह वेरिएंट मिला. इससे पहले दो लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाए गए थे लेकिन वे एक आइसोलेशन सेंटर में थे. यूनिवर्सिटी की एक पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में पाए जा रहे अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट 50 फीसदी अधिक संक्रामक है और यह अधिक गंभीर रोग करने में सक्षम है तथा वैक्सीन की एक खुराक इस पर बेअसर हो सकती है.
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