दुनिया में रहने योग्य सबसे अच्छे शहरों में भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। कुल 140 शहरों की इस सूची में दिल्ली 112वीं पायदान पर रहा जबकि ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना भारी उलटफेर करते हुए प्रथम स्थान पाया है। कोरोना महामारी के कारण वियना का यह स्थान ऑकलैंड ने छीन लिया था। सूची में मुंबई 117वें स्थान पर रहा।
द इकोनॉमिस्ट पत्रिका द्वारा जारी वार्षिक वैश्विक लिवेबिलिटी सूचकांक में इस साल ऑकलैंड 34वें नंबर पर चला गया है, जबकि वियना ने अपनी जगह वापस पा ली है। इस सूची में शहरों की रैकिंग राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता, अपराध, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच समेत कई कारकों के आधार पर की गई है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईयूआई) की रिपोर्ट के अनुसार, दस शीर्ष शहरों में वियना, मेलबोर्न, ओसाका, कैलगरी, सिडनी, वैंकूवर, टोक्यो, टोरंटो, कोपेनहेगन और एडिलेड हैं।
कराची-ढाका सबसे कम रहने योग्य शहर
ईयूआई के मुख्य अर्थशास्त्री व एशिया के प्रबंध निदेशक सिमॉन बैप्टिस्ट ने कहा, वैश्विक लिवेबिलिटी सूचकांक में दक्षिण एशियाई शहरों का प्रदर्शन काफी खराब रहा। दक्षिण एशियाई 6 शहरों में दिल्ली (112) शीर्ष पर रहा और उसके बाद मुंबई (117) को रखा है। पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची व बांग्लादेश की राजधानी ढाका को दुनिया में सबसे कम रहने लायक शहरों में रखा गया। चीनी राजधानी बीजिंग 71वें नंबर पर है जबकि सीरिया की राजधानी दमिश्क को सूची में सबसे नीचे जगह मिली है।
कीव शामिल नहीं
इस बार की सूची बनाते वक्त यूक्रेन की राजधानी कीव को शामिल नहीं किया गया क्योंकि वहां रहने लायक हालात ही नहीं है। आक्रामक रूस के शहर सेंट पीटर्सबर्ग की रैंकिंग भी गिर गई है।
यूरोपीय शहर सबसे अच्छे
शीर्ष 10 में कई यूरोपीय शहरों ने जगह बनाई है। दूसरे नंबर पर डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन है। उसके बाद स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख है। स्विस शहर जेनेवा छठे और जर्मनी का फ्रैंकफर्ट सातवें नंबर पर है। नीदरलैंड्स की राजधानी एम्सटर्डम नौवें नंबर पर है। कनाडा अकेला ऐसा देश है जिसके तीन शहर टॉप 10 में हैं। इनमें कैलगरी का तीसरा, वैंकुवर का पांचवां और टोरंटो का आठवां नंबर है। जापान का ओसाका और ऑस्ट्रेलिया का मेलबोर्न संयुक्त रूप से दसवें नंबर पर हैं।