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चीनी मांझा इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई, 1,110 'चरखी' के साथ एक गिरफ्तार

Neha Dani
11 July 2021 1:19 AM GMT
चीनी मांझा इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई, 1,110 चरखी के साथ एक गिरफ्तार
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जानकारी के अनुसार सिर्फ पिछले दो सालों में ही कम से कम पचास लोगों की जान मांझे के धागे से गला कट जाने से हो चुकी है.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने प्रतिबंधित चीनी मांझा की 1,110 'चरखी' के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार (Arrest) किया है.दिल्ली सरकार ने चीनी मांझा की बिक्री पर रोक लगा दी है. पुलिस के कहे मुताबिक, जफराबाद में आरोपी राहत खान (50) के आवास पर छापेमारी की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि वह चीनी मांझा को स्टोर करने के लिए एक गुप्त गोदाम के रूप में परिसर का उपयोग कर रहा था, जिसका इस्तेमाल अवैध रूप से पतंगबाजी के लिए किया जाता था.

जाफराबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने कहा, "हाल के दिनों में, पतंग उड़ाने वालों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी मांझा के कारण व्यक्तियों, पक्षियों और जानवरों के गंभीर रूप से घायल होने की घटनाएं सामने आई हैं. इस तरह के मांझा का इस्तेमाल लोगों और पक्षियों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है.
चीनी मांझे पर क्यों लगी थी रोक
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एनजीटी (NGT) के उस आदेश पर प्रतिबन्ध लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें उसने मांझे के इस्तेमाल और बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. बता दें कि यह आदेश मांझे के साथ ही साथ चीनी धागे पर भी लगाया गया है. अगले आदेश तक मांझे/चीनी धागे का इस्तेमाल और बिक्री दोनों पर ही रोक है और ऐसा करना दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा.
दरअसल राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पेटा और कुछ पर्यावरणवादियों की अपील पर मांझे के इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. पेटा ने मांझे से पक्षियों की मौत का मामला एनजीटी के समक्ष उठाया था. वही कुछ अन्य लोगों ने मांझे के धागे से लोगों की मौत का मामला भी एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया था.इसके पूर्व के घटनाक्रम में एनजीटी ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सहित पूरे देश में मांझे (कांच के टुकड़े लगे हुए पतंग उड़ाने के विशेष धागे) के इस्तेमाल और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्ध लगा दिया था. इसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि यह अक्सर जानलेवा साबित हो रहा है. जानकारी के अनुसार सिर्फ पिछले दो सालों में ही कम से कम पचास लोगों की जान मांझे के धागे से गला कट जाने से हो चुकी है.


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