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जान्स हापकिन्स कैंसर सेंटर में विकसित हुई नई तकनीक DELFI, कर सकती है लंग कैंसर की सटीक पहचान

Gulabi
23 Aug 2021 12:01 PM GMT
जान्स हापकिन्स कैंसर सेंटर में विकसित हुई नई तकनीक DELFI, कर सकती है लंग कैंसर की सटीक पहचान
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कैंसर यानी फेफड़ों के कैंसर की सटीक पहचान करने की दिशा में शोधकर्ताओं को बड़ी सफलता मिली है

वाशिंगटन, एएनआइ। कैंसर यानी फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) की सटीक पहचान करने की दिशा में शोधकर्ताओं को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने एक ऐसी नई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) ब्लड टेस्टिंग तकनीक विकसित की है, जिससे नमूनों में इस घातक बीमारी की सटीक पहचान की जा सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, लोगों के रक्त नमूनों में से लंग कैंसर का पता लगाने में जांच की यह विधि 90 फीसद से ज्यादा सटीक पाई गई है।

अमेरिका की जान्स हापकिन्स किम्मेल कैंसर सेंटर (Johns Hopkins Kimmel Cancer Center) के शोधकर्ताओं ने एक नए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ब्लड टेस्टिंग तकनीक को विकसित किया है। इस शोध के तहत 800 लोगों पर अध्ययन किया गया जिनमें से कुछ कैंसर के मरीज थे और कुछ नहीं। इस टेस्ट प्रक्रिया को DELFI (DNA evaluation of fragments for early interception) नाम दिया गया है।
अमेरिका के जान्स हापकिन्स (Johns Hopkins) कैंसर सेंटर ने यह AI ब्लड टेस्टिंग तकनीक ईजाद की है। जांच की इस विधि के जरिये रक्त में मौजूद कैंसर कोशिकाओं (Cancer Cells) पर गौर किया जाता है। यह तकनीक उन 796 प्रतिभागियों के रक्त नमूनों पर आजमाई गई, जिनमें से कई कैंसर की चपेट में रहे, जबकि कुछ इस बीमारी से पीड़ित नहीं थे। जांच में एक प्रोटीन बायोमार्कर समेत बीमारी के कई कारकों का विश्लेषण किया गया। इस तकनीक की मदद से उन मरीजों में कैंसर की 94 फीसद तक पहचान की गई, जिनमें यह रोग विविध चरणों में था।
शुरुआती चरणों में भी पहचान में आ जाता है कैंसर
बीमारी के अंतिम चरण (Last Stage) वाले पीड़ितों में लंग कैंसर की 96 फीसद सटीक पहचान हुई। जबकि उन रोगियों में बीमारी की 91 फीसद पहचान हो पाई, जिनमें लंग कैंसर प्रारंभिक चरण (initial Stage) में था। दुनिया में हर वर्ष लंग कैंसर से करीब 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है। नेचर कम्युनिकेशन पत्रिका के अगस्त अंक में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया जाएगा।
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