विश्व
रक्षा मंत्रालय की अपील- कथित बम की धमकी से ना घबराएं लोग, ईंधन की कमी के कारण बंद रहेंगे स्कूल
Kajal Dubey
4 July 2022 6:35 PM GMT
x
पढ़े पूरी खबर
श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को लोगों से अपील की है कि वे कथित बम की धमकी से ना घबराएं। दरअसल, श्रीलंका के रक्षा विभाग को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि लिट्टे की ओर से पांच जुलाई को मनाए जाने वाले 'ब्लैक टाइगर डे' से पहले देश में विस्फोट होगा। वहीं, इस मामले में श्रीलंका में विपक्षी दल जनता विमुक्ती पेरामुना (जेवीपी) ने सोमवार को सरकार से विस्फोट की कथित धमकी से संबंधित जानकारी मांगी है।
रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान
जेवीपी नेता अनुरा कुमार दिशानायके ने कहा कि पुलिस प्रमुख सीडी विक्रमरत्न ने रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणारत्ने को 27 जून को लिखे एक पत्र में उन्हें कथित धमकी को लेकर आगाह किया है। इस दौरान रक्षा मंत्रालय ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे जनता विमुक्ति पेरामुना के विरोध के कुछ घंटे बाद 5 जुलाई को लिट्टे द्वारा मनाए जाने वाले 'ब्लैक टाइगर डे' पर एक कथित आतंकी हमले की खुफिया सूचनाओं से घबराएं नहीं। गौरतलब है कि हमले की सूचना सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही है। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इसे लेकर एक बयान भी जारी किया।
वायरल खबर की कोई जमीनी हकीकत नहीं
बयान में कहा गया है कि 5 और 6 जुलाई को किए जा सकने वाले कथित आतंकी हमले के खुलासे के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक द्वारा रक्षा सचिव को भेजे गए एक पत्र पर खुफिया सूत्रों के माध्यम से मिली सूचना के आधार पर विचार किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि ये असत्यापित खुफिया सूचनाएं हैं और ऐसी कोई जमीनी जानकारी नहीं है जो इस तरह के आतंकवादी हमले की घटना को ब्लैक जुलाई का हवाला देते हुए जोड़ती हो। इसने आगे कहा कि मंत्रालय को सूचित किया गया था कि इस तरह के हमले आतंकवादी समूहों द्वारा किए जा सकते हैं और सरकार विरोधी समूह सरकार को बदनाम करने और अस्थिर करने के लिए हिंसा को भड़का सकते हैं।
लिट्टे ने पांच जुलाई 1987 को किया था पहला आत्मघाती हमला
गौरतलब है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई या लिट्टे) ने पांच जुलाई 1987 को पहला आत्मघाती हमला किया था। इसकी याद में जुलाई के शुरू में 'ब्लैक टाइगर वीक' मनाया जाता है। एलटीटीई ने श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में पृथक तमिल राज्य की स्थापना के लिए 30 साल तक हिंसक अभियान चलाया था।
श्रीलंका में ईंधन और नकदी की कमी, बंद रहेंगे स्कूल
नकदी की कमी से जूझ रहे श्रीलंका ने स्कूलों को और एक सप्ताह के लिए बंद रखने का फैसला किया है। दरअसल, शिक्षकों तथा अभिभावकों के लिए बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए पर्याप्त ईंधन नहीं है। ऊर्जामंत्री कंचना विजेसेकरा ने कहा, रकम जुटाना चुनौतीपूर्ण है।
ऊर्जामंत्री ने देश के बाहर रहने वाले नागरिकों से अपील की है कि वे अनौपचारिक माध्यमों के बजाय बैंकों के माध्यम से अपनी विदेशी मुद्रा में अर्जित आय घर भेजें, ताकि देश में विदेशी मुद्रा की कमी को दूर करने में मदद मिले। अधिकारियों ने बताया कि भारी विदेशी कर्ज में डूबे द्वीपीय राष्ट्र को कोई भी आपूर्तिकर्ता उधार ईंधन देने को तैयार नहीं है। उपलब्ध ईंधन केवल कुछ दिन तक ही चल पाएगा, जिसे जरूरी सेवाओं के लिए दिया जाएगा। इनमें स्वास्थ्य एवं बंदरगाह व सार्वजनिक परिवहन एवं भोजन वितरण कार्यक्रम शामिल हैं।
भुगतान के लिए जद्दोजहद
श्रीलंकाई ऊर्जामंत्री कंचना विजेसेकरा ने कहा कि सरकार ने नए ईंधन 'स्टॉक' का आदेश दिया है और 40,000 मीट्रिक टन डीजल लिए एक विमान शुक्रवार तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने बताया, ईंधन की कई खेप आनी है, लेकिन हम भुगतान के लिए 58.7 करोड़ डॉलर जुटाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
तीन घंटे बिजली कटौती भी
अधिकारियों ने सोमवार से देश भर में तीन घंटे तक बिजली कटौती की घोषणा भी की है, क्योंकि वे बिजली उत्पादन संयंत्रों को पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है। इसके साथ ही देश में रसोई गैस, दवा और खाद्य सामग्री सहित आवश्यक चीजों की भी भारी कमी है।
Next Story