रक्षा मंत्री ने कहा कि इमरान खान अपने विरोध प्रदर्शन और इस्लामाबाद में लंबे मार्च के साथ सरकार को ब्लैकमेल करना चाहते हैं। हालांकि, सरकार को ब्लैकमेल नहीं होने दिया जाएगा।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि देश में आम चुनाव समय पर होंगे। उन्होंने साफ किया कि सत्ताधारी पीएमएल-एन सरकार को अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की बार-बार विरोध की धमकियों से ब्लैकमेल नहीं दोने दिया जाएगा। 70 वर्षीय इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि सरकार द्वारा मध्यावधि चुनाव कराने के उनके सुझाव को खारिज करने के बाद वह चुनाव से भाग रही है। इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार आम चुनाव की तारीख की घोषणा करने में विफल रहती है तो वह इस महीने के अंत तक इस्लामाबाद की ओर मार्च करेंगे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होगा।
इमरान बोले, मुझे अयोग्य ठहराने की हो रही पूरी कोशिश
इमरान ने संवाददाताओं से कहा कि उनके खिलाफ मामले इसलिए दर्ज किए गए हैं क्योंकि सरकार उन्हें अयोग्य ठहराने की पूरी कोशिश कर रही है। आसिफ ख्वाजा ने इमरान की टिप्पणियों के जवाब में कहा कि इमरान खान अपने विरोध प्रदर्शन और इस्लामाबाद में लंबे मार्च के साथ सरकार को ब्लैकमेल करना चाहते हैं। हालांकि, सरकार को ब्लैकमेल नहीं होने दिया जाएगा। मंत्री ने जोर देकर कहा कि आम चुनाव समय पर होंगे, हालांकि पाकिस्तान का संविधान और कानून सरकार को अधिकृत करता है कि अगर वह चाहे तो जल्द चुनाव करा सकती है।
आसिफ ख्वाजा ने कहा, संविधान के आधार पर होगा चुनाव पर फैसला
उन्होंने कहा, हम अपनी इच्छा के आधार पर निर्णय नहीं लेंगे। इसके बजाय निर्णय संविधान और कानून के अनुसार किए जाएंगे। आसिफ ने कहा कि इमरान खान और सरकार के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है क्योंकि समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है। इमरान ने अपने सहयोगियों को कुछ उम्मीद बंधाने के लिए कुछ बातचीत के बारे में बताया है। आसिफ ने कहा कि इमरान के पुराने परिचित की बदौलत कुछ मुलाकातें हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया अगले पांच से सात दिनों के भीतर शुरू होने की संभावना है। आसिफ ने कहा कि पांच नाम भेजे जाएंगे और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उनमें से एक को चुनेंगे।
आगामी सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं
उन्होंने कहा कि आगामी सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद नहीं होगा। आसिफ ने कहा कि इमरान इस नियुक्ति पर विवाद पैदा करने की कोशिश करेंगे। इस बीच, इमरान ने हर कीमत पर अक्टूबर के अंत से पहले सरकार विरोधी आंदोलन शुरू करने का अपना संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि यह मार्च पाकिस्तान की असल आजादी के लिए महत्वपूर्ण है।
पने नेतृत्व में अविश्वास मत हारने के बाद अप्रैल में इमरान को सत्ता से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण उन्हें अमेरिका की अगुवाई वाली ताकतों ने साजिश का का शिकार बनाया। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान कथित तौर पर सेना के समर्थन से संसद में अविश्वास प्रस्ताव में बाहर होने वाले एकमात्र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं। उनकी जगह पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ ने ले ली थी।