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जासूसों की संख्या में आई कमी, कैब ड्राइवर से लेकर बड़े अधिकारी तक हैं पुतिन के 'स्लीपर सेल'

Rounak Dey
14 Nov 2022 7:44 AM GMT
जासूसों की संख्या में आई कमी, कैब ड्राइवर से लेकर बड़े अधिकारी तक हैं पुतिन के स्लीपर सेल
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मौबाइल भी रूस ने हैक कर लिया था।
लंदन: रूस के लगभग 1,000 जासूस ब्रिटेन में हैं। ये जासूस अपने आप को आम लोगों के बीच मिलाए हुए हैं। एक नई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। नए खुफिया विश्लेषण का कहना है कि व्लादिमीर पुतिन के जासूस सामान्य काम कर रहे हैं। ये कैब ड्राइवर से लेकर वेटर तक हो सकते हैं। ये अपनी पहचान को छिपाए रहते हैं। विश्लेषण में पाया गया है कि जासूसों पर रूसी खुफिया एजेंसी SVR का नियंत्रण है। इसके साथ ही यह दावा भी किया जा रहा है कि ब्रिटेन सरकार के शीर्ष में भी इन्होंने घुसपैठ कर रखी है।
इन निष्कर्षों के कारण चिंता पैदा हुई है। नए खतरे को देखते हुए नियोक्ताओं को अधिक से अधिक जानकारी दी जा रही है। डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक एक खुफिया सूत्र ने आरोप लगाया कि रूस के पास जासूसों का इतना बड़ा नेटवर्क है कि उनके लोग हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। सूत्र ने कहा, 'हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि कुछ लोग जासूस नहीं हो सकते। पुतिन के जासूसों में छात्र, ट्रेड यूनियन, प्रोटेस्ट करने वाले ग्रुप, शिक्षक, कैब ड्राइवरों के साथ-साथ राजनेता, सिविल सेवा और पुलिस भी शामिल है।'
जासूसों की संख्या में आई कमी
हाल के वर्षों में लंदन में रूसी दूतावास में काम करने वाले ज्ञात जासूसों की संख्या में कमी आई है। लेकिन रूसी सरकार के लिए गुप्त रूप से काम करने वाले संदेहास्पद लोगों की संख्या बढ़ी है। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब रूस यूक्रेन के युद्ध में पुतिन की सेना को खेरसॉन से एक अपमानजनक वापसी करनी पड़ी है। इसके बाद ही यह आशंका तेज है कि पुतिन अपनी हार के कारण कठिन उपायों का सहारा लेंगे। अपनी साख बचाने के लिए वह किसी भी तरह का कदम उठा सकते हैं।
ब्रिटेन में रह रहे 73,000 रूसी
एक अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन में लगभग 73,000 रुसी प्रवासी रह रहे हैं। इनमें से एक अंश को ब्रिटिश खुफिया सेवा रूस का जासूस मानती है। लेकिन जासूसों में सिर्फ रूसी हैं ऐसा नहीं है। शुक्रवार को जर्मनी में ब्रिटिश दूतावास में काम करने वाले एक गार्ड डेविड स्मिथ को रूस के साथ जानकारी साझा करने का दोषी पाया गया है। माना जाता है कु पुतिन के जासूस सबसे सुरक्षित जगहों पर भी मौजूद है। इसमें न्यूक्लियर पावर स्टेशन, एयरफोर्स और नेवी बेस भी शामिल हैं। हाल ही में यह खबर आई थी कि ब्रिटेन की पूर्व पीएम लिज ट्रस का मौबाइल भी रूस ने हैक कर लिया था।
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