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खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू होने वाली है.
अफ्रीकी देश रवांडा के इतिहास का सबसे क्रूर नरसंहार. 1994 में करीब 100 दिन तक साजिश के तहत चले कत्लेआम में बेगुनाहों को कीड़े-मकौड़ों की तरह कुचल दिया गया. एक समुदाय के लोगों को 'कॉकरोच' करार देते हुए एक झटके में 8 लाख से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी गई. अब अंतरराष्ट्रीय अदालत के सामने इस अमानवीय क्रूर हत्याकांड का प्रमुख आरोपी (Felicien Kabuga) रहम की भीख मांग रहा है. (Rwanda genocide financier Felicien Kabuga lawyers says he is unfit for trail)
अप्रैल 1994 में हुए हत्याकांड में आरोपी फेलिसियन काबुगा (Felicien Kabuga) के वकीलों ने कहा है कि उसके मुवक्किल के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए जाने चाहिए क्योंकि मुकदमे का सामना करने के लिए वह अनफिट है. काबुगा अब 84 साल का हो चुका है. उस पर आरोप है कि नरसंहार के लिए आतंकी संगठनों को पैसा उसी ने मुहैया कराया था. अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में है.
रवांडा का सबसे अमीर शख्स
एक समय था जब फेलिसियन काबुगा रवांडा का सबसे अमीर शख्स था. पिछले साल मई में उसे फ्रांस से गिरफ्तार किया गया था. बाद में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ICJ को सौंप दिया गया. उस पर तुतसिस और हुतूस (Tutsis and moderate Hutus) समुदाय के 8 लाख लोगों को मरवाने के आरोप हैं. अंतरराष्ट्रीय अदालत में इसी को लेकर जवाब तलब किया जाएगा. उस पर सात आरोप हैं, जिनमें नरसंहार, नरसंहार के लिए भड़काना और अत्याचार जैसे गंभीर आरोप भी हैं. उसने आतंकियों को पैसा देने के अलावा मीडिया के माध्यम से एक समुदाय के लोगों के लिए नफरत फैलाई और उन्हें मारने के लिए लोगों को भड़काया.
वकीलों ने दी दलील
फेलिसियन काबुगा के वकील एमैनुएल एल्टिट ने तंजानिया में संयुक्त राष्ट्र अदालत की ब्रांच में 6 मई को हलफनामा पेश किया. इसमें वकील ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट इस बात का सबूत हैं कि 84 साल का उनका मुवक्किल मुकदमे का सामना करने की स्थिति में नहीं है. अगर केस चलता है तो यह फेलिसियन काबुगा के अधिकारों का हनन है और यह मुकदमे की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है. वकील की दलील है कि ऐसे पर्याप्त सबूत हैं, जो यह कहते हैं कि केस को बंद कर देना चाहिए. कम से कम उसे जमानत पर रिहा तो करना ही चाहिए.
लोगों को बताया था 'कॉकरोच'
आरोप हैं कि रवांडा से एक समुदाय के लोगों को खत्म करने के लिए काबुगा ने मीडिया के जरिए नफरत का माहौल पैदा किया. यही नहीं देश के सबसे अमीर शख्स ने आतंकी संगठनों को पैसा मुहैया कराया. वह कहता था, 'तुत्सी कॉकरोच को मार डालो.' काबुगा के सबसे बड़े बेटे डोनाटियन शिम्युरेमई ने एएफपी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उसके पिता की सेहत काफी गिर चुकी है. हम यह स्पष्ट तौर पर कह सकते हैं कि वह शारीरिक और मानसिक तौर पर केस के लिए तैयार नहीं हैं. बीमार रहने के अलावा वह दो बार जेल में गिर चुके हैं. कुछ ही महीनों में काबुगा के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू होने वाली है.
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