अंकारा। तुर्की और सीरिया में तबाही मचाने वाले भूकंप से मरने वालों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को यह आंकड़ा 41 हजार से अधिक हो गई है। अकेले तुर्की में 38 लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं। सीरिया में 3 हजार 688 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। भीषण भूकंप के बाद दुनिया भर के देश तुर्की की मदद के लिए आगे आए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को मानवीय संकट को दूर करने के लिए 100 करोड़ डॉलर की मदद की अपील की है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को तुर्की में मानवीय सहायता के लिए फंड की मांग की और कहा कि जरूरतें बहुत अधिक हैं, लोग पीड़ित हैं और हमारे पास समय कम है।
उन्होंने कहा कि यह योगदान तीन महीने के लिए 55 लाख लोगों को मानवीय राहत प्रदान करेगा। मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हमारे समय की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक के जवाब में इस महत्वपूर्ण प्रयास को पूरा करने और पूरी तरह से धन देने का आग्रह करता हूं।एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि तुर्की को इस मानवीय संकट से लड़ने के लिए दुनिया भर के देश सहायता कर रहे हैं। भारत भी इन देशों में शामिल है। भारत इस समय तुर्की में ऑपरेशन 'दोस्त' चला रहा है। भूकंप से प्रभावित तुर्की और सीरिया में भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल रखा है। भारत ने 10 फरवरी को तुर्की और सीरिया दोनों के लिए बड़ी मात्रा में राहत सामग्री भेजी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत ने भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्की को अब तक 7 करोड़ रुपए की दवाइयां और महत्वपूर्ण देखभाल चिकित्सा उपकरण भेजे हैं। अब तक तुर्की की मदद के लिए भारत राहत समाग्री की 7 खेप भेज चुका है। इन दवाइयों और उपकरणों में पेरासिटामोल, डेक्सामेथासोन, 10 वेंटिलेटर, एनेस्थीसिया मशीन, 20-व्हील चेयर, 50 ईसीजी मशीन, 100 ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर, नेबुलाइज़र, रोगी मॉनिटर कार्डियो मशीन, सुइयों के साथ 10 हजार प्लैट्सिक सिरिंज, 288 प्लास्टर ऑफ पेरिस बैंडेज सहित अन्य चीजें शामिल हैं। वहीं भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने कैंप लगाया है और अस्थायी अस्पताल भी बनाया है। भारतीय बचावकर्मी लगातार लोगों को बचा रहे हैं और उन्हें जरूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं।