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पाकिस्तान में विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 44

jantaserishta.com
31 July 2023 3:59 AM GMT
पाकिस्तान में विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 44
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) कार्यकर्ता सम्मेलन में आत्मघाती विस्फोट के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना रविवार को हुई, जब 400 से अधिक जेयूआई-एफ सदस्य और समर्थक अफगानिस्तान की सीमा के पास बाजौर जिले के खार शहर में एक तंबू के नीचे एकत्र हुए थे। रविवार देर रात मीडिया को संबोधित करते हुए केपी के पुलिस महानिरीक्षक अख्तर हयात खान ने कहा कि विस्फोट में 10 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि मौके से बॉल बेयरिंग और अन्य विस्फोटक सामग्री एकत्र की गई है। डॉन न्यूज ने प्रांतीय पुलिस प्रमुख के हवाले से कहा, "जांच चल रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
इस बीच, केपी के कार्यवाहक सूचना मंत्री फिरोज शाह ने कहा कि बाजौर और आसपास के इलाकों के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने जियो न्यूज को बताया, "हम गंभीर मरीजों को हेलीकॉप्टर के जरिए पेशावर और अन्य अस्पतालों में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।"
बाजौर जिला स्वास्थ्य अधिकारी फैसल कमाल के अनुसार, 150 से अधिक घायल लोगों को बाजौर जिला मुख्यालय अस्पताल लाया गया है। उन्होंने कहा, "35 से अधिक लोगों को तिमारगढ़ अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल 15 लोगों को पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर के जरिए पेशावर भेजा गया है।"
अभी तक किसी समूह या व्यक्ति ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। स्थानीय अधिकारियों ने बीबीसी को बताया कि विस्फोट में जेयूआई-एफ के एक क्षेत्रीय नेता मौलाना ज़ियाउल्लाह भी मारे गए। जेयूआई-एफ एक प्रमुख धार्मिक राजनीतिक दल है और पाकिस्तान की संसद में सरकारी गठबंधन का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विस्फोट की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवादियों ने उन लोगों को निशाना बनाया, जो इस्लाम, पवित्र कुरान और पाकिस्तान की वकालत करते थे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “आतंकवादी पाकिस्तान के दुश्मन हैं और उन्हें खत्म कर दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि घटना में शामिल तत्वों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और खैबर पख्तूनख्वा सरकार से घटना की रिपोर्ट भी मांगी।
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