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चीन के बाद ईरान दुनिया का वह देश है जहां पर सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी जाती है।
तेहरान: ईरान के रैप सिंगर समान यासिन जिन्हें पिछले दिनों उनके घर से गिरफ्तार किया गया था, उनकी जान पर खतरा बढ़ गया है। यासिन को इस समय कुख्यात इविन जेल में रखा गया है। यासिन को अल्लाह के खिलाफ जंग छेड़ने का दोषी ठहराया गया है और मौत की सजा सुनाई गई है।उन्हें जेल में बुरी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है और पिछले तीन दिनों से जेल क एकदम ठंडी जगह पर रखा गया है। कई बार उन्हें पीटा जाता और फिर ऊंचाई से नीचे फेंक दिया जाता। यासिन को अल्लाह से दुश्मनी वाले कानून में गिरफ्तार किया गया था। इस कानून को मोहरबिया के नाम से भी जानते हैं। यह देश का सबसे खतरनाक कानून है जिसके तहत दोषी को मौत की सजा सुनाई जाती है।
20 लोगों को मिली मौत
यासिन को जब उनके परिवारवालों से बात नहीं करने दी गई तो फिर वह भूख हड़ताल पर चले गए। 11 नवंबर को उनकी मुलाकात जेल के केबिन में घर वालों से कराई गई। 29 अक्टूबर को यासिन को उन प्रदर्शनकारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था जो हिजाब के खिलाफ थे। यासिन ने पहले 14 नवंबर को एक इंजीनियर परहाम परवारी को इसी कानून के तहत मौत की सजा दी गई थी। 25 साल के परवारी को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया था और उनके घर वालों से भी मिलने नहीं दिया गया था। परवारी एक स्विमिंग कोच भी थे जो तेहरान की कंपनी के लिए काम करते थे। इस समय इविन जेल में बंद 20 लोगों को इसी कानून के तहत सजा-ए-मौत मिली है।
बेदर्दी से मिली फांसी
ईरान के इस कानून के तहत मौत की सजा के साथ दिल दहला देने वाली सजाएं दी जाती हैं। ईरान में ऐसे लोग जो हथियार उठा लेते हैं, उन्हें इस कानून के तहत सजा सुनाई जाती है। साल 2016 में ईरान ने चार लोगों को इस कानून के तहत मौत की सजा दी थी जिसमें से एक को सबके सामने फांसी पर चढ़ाया गया था। जिन चार लोगों को सजा दी गई उनकी उम्र 18 से 21 साल थी और इन पर दो महिलाओं का बलात्कार का आरोप था। जिस एक शख्स को सबके सामने फांसी दी गई, उसने नौ महिलाओं का रेप किया था। साल 2014 में इस कानून ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं। उस समय घोलमरेजा खोसरावी सवादजानी को फांसी पर चढ़ाया जाना था।
क्या था वह मामला
सवादजानी को साल 2008 में ईरान के विपक्षी संगठन पीपुल्स मुजाहिदीन ऑर्गनाइजेशन ऑफ ईरान (PMOI) का समर्थन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। यासिन की तरह उन्हें भी इविन की जेल में बंद किया गया और साल 2010 में मोहरबिया के तहत मौत की सजा सुनाई गई। सवादजानी को भी खूब प्रताड़ित किया गया और एक बार तो वह बुरी तरह से घायल हो गए थे। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा और बात अमनेस्टी इंटरनेशनल तक पहुंच गई थी। अमनेस्टी ने उनकी सजा रोकने की अपील भी कि लेकिन कुछ नहीं हुआ। चीन के बाद ईरान दुनिया का वह देश है जहां पर सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी जाती है।
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Neha Dani
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