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बेटी की हत्या: पुतिन का दिमाग कहे जाने वाले पर हमले की साजिश, जानें सब कुछ

jantaserishta.com
22 Aug 2022 9:04 AM GMT
बेटी की हत्या: पुतिन का दिमाग कहे जाने वाले पर हमले की साजिश, जानें सब कुछ
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: रूस के राजनीतिक विश्लेषक और दार्शनिक अलेक्जेंडर डुगीन की बेटी दरिया डुगिन (Darya Dugin) की हत्या हो गई है. हमलावरों ने दरिया की कार में विस्फोट किया था. दावा है कि हमलावरों के निशाने पर अलेक्जेंडर डुगीन थे, लेकिन गलती से उनकी बेटी उस कार में बैठ गई, जिसमें विस्फोटक लगे थे.

अलेक्जेंडर डुगीन को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का 'दिमाग' कहा जाता था. माना जाता है कि पुतिन जो कुछ भी करते हैं, उसके पीछे डुगीन का दिमाग होता है.
अलेक्जेंडर डुगीन को रूस में राजनीतिक दार्शनिक, विश्लेकर और रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है. वो एक लेखक भी हैं. उन्होंने 30 से ज्यादा किताबें लिखीं हैं. उन्हें 'पुतिन का ब्रेन' भी कहा जाता है. हालंकि, उनके आलोचक ये भी कहते हैं कि उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, जबकि ऐसा है नहीं. अलेक्जेंडर डुगीन Tsargrad TV के चीफ एडिटर भी रह चुके हैं. ये चैनल पुतिन का समर्थक है.
अलेक्जेंडर डुगीन का पूरा नाम अलेक्सांद्र गेलीविच डुगीन है. उनका जन्म 7 जनवरी 1962 को मॉस्को में हुआ था. उनके पिता गेली अलेक्जांद्रोविच डुगीन सोवियत सेना में कर्नल जनरल थे. उनकी मां गेलिना डॉक्टर थीं.
1979 में अलेक्जेंडर ने मॉस्को एविएशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया, लेकिन वहां से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था. बाद में उन्होंने स्ट्रीट क्लीनर का काम शुरू किया. ऐसा कहा जाता है कि इसी समय वो फर्जी आईकार्ड का इस्तेमाल कर लेनिन लाइब्रेरी जाया करते थे. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि इस दौरान अलेक्जेंडर सोवियत संघ की जासूसी एजेंसी KGB के आर्काइव सेक्शन में काम करते थे.
अलेक्जेंडर ने दो शादी की हैं. उनकी पहली पत्नी एवेगिना देब्रिआन्सकाया थीं, जिससे उन्हें एक बेटा है. उन्होंने दूसरी शादी नताल्या मेलेन्तियेवा से की, जिससे उन्हें एक बेटी हुई. इसका नाम दरिया डुगीन था, जिसकी हत्या हो गई है.
पश्चिमी देश अलेक्जेंडर डुगीन को फासीवादी विचारधारा का कट्टर समर्थक मानते हैं. डुगीन यूक्रेन के विरोधी माने जाते हैं. कहा जाता है कि यूक्रेन के साथ जंग की रूपरेखा डुगीन ने ही तैयार की है.
डुगीन रूसी राष्ट्रपति पुतिन की विदेश नीति के समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने 2007 में कहा था, 'पुतिन की नीतियों का कोई विरोधी नहीं है और अगर कोई है भी तो वो मानसिक रूप से बीमार है और उसे इलाज की जरूरत है. पुतिन हर जगह हैं. पुतिन ही सब कुछ हैं.'
डुगीन को अति-राष्ट्रवादी और पश्चिमी देशों का विरोधी भी कहा जाता है. वो लंबे समय से रूस में रूसी भाषी और दूसरे क्षेत्रों के एकीकरण की वकालत करते रहे हैं.
2009 से 2014 तक डुगीन मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के प्रमुख थे. लेकिन यूक्रेन के साथ हुए संघर्ष पर विवादित टिप्पणी करने पर उन्हें इस पद से हटा दिया गया था.
डुगीन को पुतिन के यूक्रेन के साथ जंग छेड़ने के फैसले के सबसे बड़ा समर्थक माना जाता है. डुगीन पर पूर्वी यूक्रेन में उग्रवादियों का समर्थन करने का आरोप भी लगता रहा है. इस कारण अमेरिका ने उनपर बैन भी लगाया है. उन्होंने यूक्रेन को नोवोरोसिया (नया रूस) नाम भी दिया है.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, डुगीन आजाद यूक्रेन को 'यूरेशिया के लिए सबसे बड़ा खतरा' मानते हैं. वो मानते हैं कि ब्लैक सी यानी काला सागर के पूरे उत्तरी तट पर सैन्य और राजनीतिक नियंत्रण रूस के लिए जरूरी है.


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